लोक आस्था के महापर्व छठ के रंग में पूरा बिहार रंगा दिख रहा है. रविवार को छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया हैं. सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठ व्रति खरना के बाद से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं. शाम चार बजे के बाद ही पटना समेत बिहार के अन्य जिलों के घाटों पर छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देना शुरू कर दिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पांच बजे से पहले ही सूर्य को अर्घ्य दिया.
दोपहर बाद तीन बजे सेही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में व्रती घाट पर पहुंचने लगे हैं. पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों के पहुंचने का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. सर पर दउरा लेकर छठ व्रती और उनके परिजन घाट पर छठ गीत गाते हुए पहुंचे.
बिहार के विभिन्न जिलों में छठ का पर्व मनाया जा रहा है. रविवार को जैसे ही सूर्य अस्ताचलगामी हुए लोगों ने छठ घाट पर आकर उन्हें अर्घ्य देने का काम किया.
शहरों में तालाबों और नदियों में भारी भीड़ के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अपने घर की छत पर सूर्य को अर्घ्य देते दिखे. बड़ी संख्या में यहां भी लोगों की उपस्थिति देखी गयी.
भागलपुर में नदी और तालाबों पर होनेवाली भीड़ से बचने के लिए लोग अब अपने घरों में ही छठ पूजा करने लगे हैं. BN कॉलेज भागलपुर के प्रिंसिपल डॉ अशोक ठाकुर ने अपने घर पर ही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया.
छठ घाटों पर लोगों की अपार भीड़ देखी गयी. माना जा रहा है कि सुबह और अधिक भीड़ होगी. राज्य प्रशासन ने जिला प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम करने को कहा है. हर जगह पुलिस की तैनाती देखी जा रही है.
छठ घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के उपरांत लोग सभी सामग्री समेट कर लौटने की तैयारी करते दिखे. इस दौरान सभी लोग कुछ न कुछ हाथ में लेकर जाते दिखे. मान्यता है कि छठ की सामग्री उठाने से साल पर स्वास्थ्य की कोई परेशानी नहीं होती है.