Chhath Puja 2023: बिहार में छठ पूजा को लेकर तैयारी चल रही है. तेजी से यहां घाटों का निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं, गंगा घाटों से दूर हो रही है. नदी के जलस्तर में कमी आई है. इस कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जलस्तर में कमी के कारण घाट और अधिक खतरनाक हो सकते है. गंगा के जलस्तर के घटने से जमा कीचड़ लोगों की परेशानी का कारण बन सकता है. कंगन घाट पर नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद यह मूल घाट से 50 फीट अधिक दूर चली गई है. इस दूरी के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. छठ महापर्व को लेकर शहर के सभी गंगा घाटों पर साफ- सफाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. घाटों को समतल करने और बैरिकेडिंग का काम जारी है. बांकीपुर अंतर्गत पथरी घाट से बालू घाट के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि गंगा सभी की सीढ़ियों से दूर बह रही है. यही वजह है कि घाट पर दलदल और कीचड़ की स्थिति बनी हुई है. हालांकि, नगर निगम के कर्मचारियों की ओर से कीचड़ हटाकर बालू की बोरियां भरी जा रही हैं. घाट को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है.
कई घाट यहां ऐसे है जिनमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. लोगों को अपने वाहन सड़क किनारे खाली जगह में बनी पार्किंग में लगाना पड़ेगा. वहीं, करीब 120 मीटर में फैले बालू घाट की हालत पहले से ही ठीक है. यहां बालू से भरे बोरे बिछाये गये हैं. नगर निगम के कर्मी कीचड़ हटाकर मिट्टी भर रहे हैं. जमीन लगभग समतल है. यहां मुहम्मद पुर, बालू घाट मुहल्ला आदि जगहों से लोग छठ करने के लिए आते हैं. छठ व्रतियों के लिए स्थायी चेंजिंग रूम का निर्माण किया गया है. मालूम हो कि इस घाट के पास गौरी शंकर सूर्य नारायण मंदिर भी है.
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रौशन घाट के पास भी जमी कीचड़ को हटा कर सूखी मिट्टी भरने का काम चल रहा है. घाट की सीढ़ियों के निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है. घघा घाट करीब 120 मीटर में फैला है. यहां पर्याप्त स्थान है. चौधरी टोला घाट के बारे में बता दें कि यहां से गंगा दूर चली गई है. घाट पर करीब 20 सीढ़ियां है. इनसे पानी दूर जा चुका है. कई सीढ़ियां भी क्षतिग्रस्त है. इन सीढ़ियों पर मिट्टी जमी हुई है. सीढ़ियों के मरम्मत के काम जारी है. पथरी घाट पर करीब 35 सीढ़ियों का निर्माण हुआ है. इस पर कुछ जगहों पर मिट्टी जम गया है.