Chhath puja in bihar: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी है. लेकिन बिहार की राजधानी पटना में जिस तरह से गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. उसने छठ व्रत करने वाले लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन की चिंता को भी बढ़ा दिया है. पटना में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से छठ घाट खतरनाक होते जा रहे हैं. कई घाट पानी में पूरी तरह से डूब गये हैं.
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के विभिन्न छठ घाटों को जायजा लिया था. सीएम ने अधिकारियों को विशेष रूर से घाटों पर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के आदेश दिए थे. सीएम के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने तैयारियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी. लेकिन इसी बीच गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गयी. जलस्तर की बढ़ोतरी होने से छठ व्रत करने वाले लोगों के साथ-साथ जिला प्रशासन भी परेशान हैं.
गंगा नदी में जलस्तर की बढ़ोतरी होने के बाद अब जिला प्रशासन इंतजार में है कि अगर पानी में कमी आई तो, युद्धस्तर पर काम कर के घाटों को दुरुस्त किया जा सके. जिला प्रशासन का कहना है कि पटना में गंगा नदी के जलस्तर में बीते तीन-चार दिनों से बढ़ोतरी जारी है. छठ घाट खतरनाक होते जा रहे हैं. अगर अगले दो से तीन दिनों में पानी कम हुआ तो, तेजी से घाटों को दुरुस्त किया जाएगा. ताकि व्रतियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो.
बता दें कि छठ पूजा से ठीक पहले गंगा पटना के विभिन्न घाटों पर गंगा नदी बिल्कुल करीब आ गई है. लगभग चार दशक बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है. लोगों को कहना है कि बिहार में गंगा नदी का नजारा आम तौर पर अगस्त-सितंबर माह में देखने को मिलता था. अक्टूबर में गंगा नदी घाटों से काफी दूर चली जाती थी. लेकिन इस बार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण छठ पूजा के आयोजन में बाधा सामाने आ रही है.
बता दें कि इस बार 28 अक्टूबर को नहाय-खाए के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ आरंभ होगा. खरना दिन से गंगा घाटों पर स्नान और गंगाजल के लिए भीड़ शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी ने जिला प्रशासन के साथ-साथ छठ व्रतियों के टेंशन को भी बढ़ा दिया है. वहीं, केंद्रीय जल आयोग की मानें तो, 18 अक्टूबर तक पटना में जलस्तर बढ़ोतरी की संभवना है. इसके बाद अगर 19 अक्टूबर से अगर जलस्तर में कमी भी आती है, तो घाट की साफ-सफाई जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती से कम नहीं होगी.