पटना. बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं का तकनीक के साथ सुलभ बनाने की दिशा में गंभीर कोशिश की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की योजना दिसंबर तक राज्य के सभी 38 जिलों में मुख्यमंत्री डिजिटल योजना को प्रभावी कर दिया जाये. इस दिशा में विभाग ने कार्य भी प्रारंभ कर दिया है. अभी यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चार जिलों नालंदा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और सीवान में संचालित है.
अप्रैल 2022 में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना को लागू करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था. योजना का उद्देश्य बिहार में डिजिटल हेल्थ केयर तंत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा खाई को पाटना है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित भी हो जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के प्रभावी होने के बाद अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी अप्वाइंटमेंट की सुविधा, नजदीकी अस्पताल में उपलब्ध डाॅक्टरों की जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ आयुष्मान भारत हेल्थ आइडी, आभा आइडी बनाने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी. इसके अलावा आमजनों को सातों दिन 24 घंटे आपातकालीन चिकित्सीय सुविधा और विशेषज्ञ डाॅक्टरों से परामर्श प्राप्त करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो जायेगी.
मुख्यमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों को एक विशेष हेल्थ पहचान पत्र भी दिया जायेगा. इस पहचान पत्र के माध्यम से डाॅक्टरों को रोगियों के स्वास्थ्य रिकार्ड तक पहुंचने की सुविधा होगी. डाॅक्टर मरीज के स्वास्थ्य के संबंध में बेहतर निर्णय ले सकेंगे. मरीजों का मेडिकल रिकार्ड सर्वर में सुरक्षित रहेगा. डिजिटल योजना के प्रारंभ होने से डायग्नोस्टिक रिपोर्ट, डिस्चार्ज समरी, प्रिस्क्रिप्शन के लिए पेपरलेस सुविधा भी बहाल हो सकेगी.