मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए अगले हफ्ते नया पोर्टल खुलेगा. इस पर सत्र 2018-21 में स्नातक उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को आवेदन करना है. पोर्टल पर छात्राओं का डाटा पहले से ही विश्वविद्यालय की ओर से अपलोड किया गया है. आवेदन के बाद स्वत: सत्यापन हो जायेगा. कन्या उत्थान योजना पर बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग की ऑनलाइन बैठक हुई. इसमें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अध्यक्ष छात्र कल्याण डाॅ अभय कुमार सिंह भी जुड़े थे.
उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ रेखा कुमारी ने कहा कि कन्या उत्थान योजना पर मुख्यमंत्री का विशेष फोकस है. अप्रैल 2022 तक स्नातक उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश देते हुए बताया कि अगले सप्ताह से पोर्टल छात्राओं के लिए खोला जायेगा. बताया कि इस पोर्टल पर आवेदन करने वाली छात्राओं के खाते में सरकार के स्तर से 50 हजार रुपये भेजे जायेंगे. डीएसडब्ल्यू डॉ अभय कुमार सिंह ने बताया कि अबतक पोर्टल पर विश्वविद्यालय की ओर से 56 काॅलेज, 40 कोर्स और 19187 छात्राओं का डाटा अपलोड किया जा चुका है. कुछ छात्राओं का डाटा परिणाम पेंडिंग होने के कारण पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सका है. परिणाम क्लियर होते ही उसे भी अपलोड कर दिया जायेगा.
वोकेशनल कोर्स की छात्राओं पर मान्यता की जांच के बाद निर्णय
डीएसडब्ल्यू ने वोकेशनल कोर्स की छात्राओं से जुड़े मामले को भी उच्च शिक्षा निदेशक के समक्ष रखा. बताया कि प्रतिवर्ष वोकेशनल कोर्स से भी छात्राएं उत्तीर्ण हो रही हैं. काॅलेजों में 18-20 वर्षों से वोकेशनल कोर्स संचालित हो रहे हैं. उस समय विश्वविद्यालय की विभिन्न निकायों से स्वीकृति लेने के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. वहां से विश्वविद्यालय को कोर्स के संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया. आवेदन को निरस्त भी नहीं किया गया. ऐसे में कोर्स का संचालन होता रहा है. ऐसे में कन्या उत्थान योजना शुरू हाेने के बाद जब मान्यता की बात हुई तो सरकार ने इन छात्राओं के आवेदन को अग्रसारित नहीं करने को कहा है. इसपर उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि सभी कागजातों के साथ विभाग में आएं. उसे देखने के बाद आगे निर्णय लिया जायेगा. बताया जा रहा है कि अब तक बिहार विश्वविद्यालय में ही वोकेशनल कोर्स की छात्राओं को कन्या उत्थान का लाभ नहीं मिल सका है. साथ ही सेल्फ फाइनेंस मोड में तीन काॅलेजों में संचालित कोर्स की छात्राओं को भी लाभ नहीं मिला है.