पटना. आईएएस की परीक्षा में देश भर में टॉप करने के बाद बिहार के बेटे शुभम कुमार की आज पहली बार नीतीश कुमार से बात हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिविल सेवा टॉपर शुभम कुमार से फोन पर बात की. मुख्यमंत्री ने शुभम को उनकी सफलता पर बधाई दी और उज्जवल भविष्य के लिए आशिर्वाद दिया.
उन्होंने कहा कि आपकी सफलता पर पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है. शुभम ने भी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि उनसे बात करके अच्छा लगा. शुभम के पिता से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि शुभम की सफलता पर बिहार गर्व है. यह हम सब के लिए गर्व की बात है. इस मौके पर शुभम के पिता ने मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जतायी. नीतीश कुमार ने शुभम की मां से भी बात की और उन्हें बधाई दी.
इससे पूर्व सोमवार की देर शाम शुभम कुमार जब अपने स्कूल पूर्णिया के विद्या विहार स्कूल पहुंचे सबसे पहले अपने शिक्षकों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. अपने पुराने छात्र की सफलता से गदगद स्कूल के शिक्षकों, छात्रों, प्रिंसिपल और डायरेक्टर ने माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान वो काफी भावुक हो गये. इस क्षण को देखकर स्कूल के बच्चे भी खुद को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे.
इस अवसर पर शुभम ने अपने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने छात्रों को मोटिवेट करते हुए बताया कि किस तरह वह विद्या विहार स्कूल के एक साधारण छात्र से आईएएस टापर बने. उन्होंने कहा कि क्लास 6 में उन्होंने यहां एडमिशन लिया था. उस समय वह सी सेक्सन में थे फिर क्लास 7 में वो ए सेक्शन में आये. शुरुआत में उनकी रैंक काफी पीछे थी, लेकिन अपनी जिद और ईच्छाशक्ति के बदौलत उसने क्लास में दूसरे स्थान तक का रैंक हासिल की.
शुभम ने अपने स्कूल के पूर्व प्राचार्य बासुदेवन सर को याद किया और काफी भावुक हो गये. उन्होंने कहा कि उनके लाइफ में बासुदेवन सर, निखिल रंजन और गोपाल झा सर के अलावे उनके कई मित्रों और शिक्षकों का काफी योगदान रहा. उन्होंने कहा कि आज अगर बासुदेवन सर रहते तो उन्हें काफी गर्व महसूस होता.
शुभम ने वहां के छात्रों को बताया कि उन्हें कक्षा के बाहर भी बहुत कुछ सीखने का मौका मिला. विद्या विहार स्कूल से 2012 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद शुभम बोकारो गये. फिर आईआईटी किया. 2019 में भी उन्होंने आईएएस की परीक्षा में 290 रैंक लाया था, लेकिन उससे वह संतुष्ट नहीं थे.
शुभम ने कहा कि लक्ष्य को पाने की अपनी जिद और इच्छाशक्ति के बदौलत ही वो आज टापर बन पाये हैं. उन्होंने बच्चों से कहा कि अगर सही दिशा में मेहनत करे तो कुछ भी असंभव नहीं होता.
Posted by Ashish Jha