गोविंद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज के मिंज स्टेडिय में समाज सुधार यात्रा कार्यक्रम के दौरान कहा कि शराबबंदी कानून लागू किया, तब सबसे पहले जहरीली शराब पीने से मौतें गोपालगंज में हुई. खजूरबानी शराबकांड में 21 लोगों की मौतें हुई, जिनमें दोषियों को फांसी की सजा दिलायी गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहरीली शराब का सेवन करनेवाले लोगों की मौत हो गयी और बेचने वाले को फांसी की सजा मिली. महिलाएं भी शराब के धंधे में शामिल थीं, जिन्हे उम्रकैद की सजा हुई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गड़बड़ करनेवाले लोगों को सजा दिलायी जा रही है. इसलिए गड़बड़ करनेवालों से बचिए. शराब पीनेवाले को समझना चाहिए, कि नहीं पीना है. ‘जहरीली शराब पीयोगे तो मरोगे’ की स्लोगन का यहा भी मुख्यमंत्री ने जिक्र किया. उन्होंने जीविका दीदियों से शराबबंदी कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने की बात कही. जीविका दीदियों को शराबबंदी कानून पर सजग और सचेत रहने के लिए फिर से अभियान चलाने की बात कही.
नगर थाना थाने के खजूरबानी मोहल्ले में गत 15-16 अगस्त, 2016 को जहरीली शराब पीने से रहमान मियां, हरिकिशोर साह, जहरूदीन मियां, मुन्ना साह, राजेश राम, मुन्ना मियां, परमा महतो, मंटू गिरि, दीनानाथ मांझी, शोबराती मियां, रामजी शर्मा, दुर्गेश साह, शशिकांत, उमेश चौहान, झमिंद्र कुमार, विनोद सिह, अनिल राम, रामू राम, मनोज साह, भुटेली शर्मा समेत 19 लोगों की मौत हो गयी थी. जबकि बंधू राम समेत पांच लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवायी थी. इस मामले में गोपालगंज के नगर थाना में कांड संख्या 347/2016 दर्ज किया गया था. जिसमें खजूरबानी में अवैध शराब रखने, बेचने व भंडारण करने के मामले में कोर्ट ने सभी 13 आरोपितों को दोषी पाया था. जबकि एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो गयी थी.
फांसी की सजा पानेवालों में नगर थाने के खजूरबानी मोहल्ले के रहनेवाले छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी तथा मुन्ना चौधरी शामिल हैं.
खजूरबानी शराबकांड में चार महिलाओं को उम्रकैद के साथ 10-10 लाख रुपये आर्थिक जुर्माना लगा है. इनमें खजूरबानी मोहल्ले की रहनेवाली लालझरी देवी, कैलासो देवी, रिता देवी तथा इंदू देवी शामिल हैं.