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बिहार के औरंगाबाद में ऑटो-ट्रैक्टर की टक्कर में मासूम की मौत, चार घायलों में दो हायर सेंटर रेफर

बिहार के औरंगाबाद में ऑटो और ट्रैक्टर की टक्कर में एक मासूम की मौत हो गयी. दो लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं.

औरंगाबाद. गोह थाना क्षेत्र के तिलन बिगहा गांव के समीप अनियंत्रित ऑटो सड़क पर खड़े ट्रैक्टर से टकरा गया.इस घटना में ऑटो सवार एक दस वर्षीय मासूम की मौत घटनास्थल पर ही तड़प -तड़प कर हो गई. तीन सें चार लोग जख्मी भी हो गए . घटना की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और परिजनों से जरूरी पूछताछ के बाद औरंगाबाद में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करायी.अंतत: शव परिजनों को सौप दिया गया.

छाती को चीरकर पार कर गया सरिया

मृतक की पहचान डिहुरी गांव निवासी बिक्की चंद्रा के पुत्र प्रज्ञान चंद्रा उर्फ गोलू के रूप में हुई है. मृतक के दादा सुनील प्रसाद चौरसिया ने बताया की उनका पोता अपनी दादी मंजू देवी के साथ रविवार की शाम गोह बाजार से समानों की खरीददारी करने गया था.देर शाम घर लौटने के लिए ऑटो पर सवार हो गया. जैसे ही ऑटो तिलन बिगहा मोड़ के समीप पहुंचा ,वैसे ही अनियंत्रित हो गया और सेंट्रिंग सामान लदे एक ट्रैक्टर से टकरा गया. ट्रैक्टर में लदा सरिया प्रज्ञान चंद्रा के छाती को चीरते हुए पार कर गया जिससे प्रज्ञान की मौत घटनास्थल पर ही हो गई.वही ऑटो में बैठे अन्य लोगो जख्मी हो गए. स्थानीय लोगों की मदद से सभी जख्मियों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोह पहुंचाया गया जहां के डॉक्टरों ने दो की हालत गंभीर देखते हुए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर कर दिया है . वहीं अन्य का इलाज जारी है.

पलभर में बुझ गया एकलौता चिराग

मृतक प्रज्ञान चंदा अपनी मां निशा कुमारी व पिता बिक्की चंद्रा का एकलौता चिराग था. यह कौन जानता था की जो प्रज्ञान कुछ देर पहले अपनी दादी के साथ बाजार में घूम -घूम कर समान की खरीददारी कर रहा था. कुछ खेलने की समान लेने को लेकर जिद्द कर रहा था वह पलक झपकते ही अपने मां-बाप व दादा-दादी के नजरो से सदा के लिए ओझल हो जाएगा. मासूम प्रज्ञान अपनी मां से जिद कर अपनी दादी के साथ बाजार गया ,लेकिन जिंदा वापस नही लौटा.

शव पहुंचते ही माहौल हुआ गमगीन

गोह पुलिस द्वारा जैसे ही प्रज्ञान चंद्रा का शव पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौपा गया,वैसे ही परिजनों के चीत्कार से गांव का कोना-कोना दहल उठा. मासूम बेटे के शव से लिपटकर मां बस एक ही रट लगा रही थी कि प्रज्ञान उठ बेटा….जब कोई आवाज नहीं मिल रहा था तो झकझोरते हुए अपनी ममता की दुहाई दे रही थी. इस दर्दनाक दृश्य को देख हर किसी का कलेजा दहल रहा था.गांव के कुछ लोगों ने होनी का हवाला देकर परिजनों को शांत कराया. वैसे पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

(औरंगाबाद से मनीष राज सिंघम की रिपोर्ट)

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