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बिहार में चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम को किया जायेगा अपडेट, जीविका दीदी भी करेंगी सहयोग

बिहार में चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से बाल श्रम करने वाले बच्चों की जानकारी रखने में मदद मिल रही है. इस के साथ ही गिरोह पर अंकुश लगाया जा रहा है. बावजूद इसके बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद भी उन्हें दोबारा से इस दलदल में भेज दिया जाता है.

पटना. राज्य भर में बाल श्रम रोकने में जीविका दीदी अभियान तेज करेंगी. समाज कल्याण विभाग और श्रम संसाधन विभाग के संयुक्त नेतृत्व में इस अभियान की निगरानी होगी. जिसमें हर बाल श्रमिक को मुक्त कराने के बाद स्कूल तक पहुंचाने का काम विभागीय स्तर पर होगा. इस संबंध में सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा गया है.

समीक्षा के बाद लिया गया निर्णय

समाज कल्याण विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि देश भर में काम करने वाले 30 फीसदी बच्चे बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. जिसमें 10 फीसदी बच्चे बिहार पूर्वी और पश्चिम चंपारण, नवादा, कैमूर, जमुई, पूर्णिया, गया सहित अन्य जिलों में रहते हैं. जिनसे राजस्थान, दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई सहित अन्य राज्यों में 12 से 15 घंटे हर दिन काम करवाया जाता है.

चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम को किया जायेगा अपडेट

बिहार में चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से बाल श्रम करने वाले बच्चों की जानकारी रखने में मदद मिल रही है. इस के साथ ही गिरोह पर अंकुश लगाया जा रहा है. बावजूद इसके बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद भी उन्हें दोबारा से इस दलदल में भेज दिया जाता है. इस कारण से ट्रैकिंग सिस्टम को और अपडेट किया जायेगा ताकि बाल श्रम से मुक्त होने वाले बच्चों का डेटा को मुख्यालय स्तर पर कभी भी देखा जा सकें. ताकि कोई बच्चा फिर से उस दलदल में धकेला जाए तो पता चल सके.

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बच्चों को स्कूल भेजने का किया जा रहा है प्रयास

राज्य में उद्योग स्थापना के साथ ही बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए प्रयास को और तेज किया जायेगा. वहीं, बाल श्रम खत्म करने के लिए अभिभावकों की काउंसेलिंग के साथ साथ सामुदायिक स्तर पर सक्रियता बढ़ायी जायेगी. इसके साथ ही सरकार द्वारा नये उद्योग स्थापित करने एवं स्कूल जाने योग्य सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में भी प्रयास किया जायेगा.

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