पटना. अब सरकारी कर्मी या फिर अधिकारी के घर किलकारी गूंजने पर प्रसव के दौरान होने वाले खर्च का आर्थिक भार स्वास्थ्य विभाग उठायेगा. प्रदेश की आम जनता के साथ सरकारी कर्मी भी सुरक्षित प्रसव को लेकर जागरूक बने, इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने यह खास पहल की है.
यह सुविधा अधिकतम दो संतानों के जन्म पर मिल सकेगी. साथ ही सिजेरियन हो या नार्मल डिलेवरी, दोनों ही स्थिति में स्वास्थ्य विभाग यह सुविधा मुहैया करायेगा. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि प्रसव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है.
फिर भी प्रसव के दौरान कुशल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है तो जच्चा व बच्चा की मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आती है. साथ ही माता व शिशु के स्वास्थ्य में भी वृद्धि होती है.
लिहाजा राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बच्चे के जन्म लेने पर प्रसव के दौरान होने वाले खर्च की चिकित्सा प्रतिपूर्ति स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलेगी.
उन्होंने बताया कि बिहार उपचार नियमावली के नियम 26 के अनुसार राज्य सरकार को यह शक्ति है कि वह किसी भी व्यक्ति को, जो इस नियमावली के अधीन उपचार या इलाज के लिए प्राधिकृत नहीं है, उसके लिए उपचार व इलाज क सुविधा प्रदान करे.
Posted by Ashish Jha