बिहार: नई आफत से यहां हो रही बच्चों की मौत, दर्जनों जान अब भी खतरे में, माता का प्रकोप मानने की कर गए भूल…
बिहार के भोजपुर जिले के एक महादलित टोले में एक के बाद एक करके कई बच्चों की मौत हो गयी. उनकी तबीयत खराब हुई तो माता का प्रकोप मानकर बैठ गए और औलाद को खो बैठे. डॉक्टर की टीम ने जब जांच की तो पता चला एक नई आफत से इनकी जान गयी है.
Bihar NEWS: मीजल्स-रूबेला (measles rubella) की चपेट मे आने से आरा में तीन दिनों के अंदर तीन बच्चों की मौत हो गई.जबकि करीब डेढ दर्जन से ज्यादा बच्चे अभी भी बीमार है, इनमें चार की हालत गंभीर बनी हुई है. मामला जगदीशपुर प्रखंड के पश्चिमी आयर स्थित कहथू मसौढ़ी गांव के महादलित टोले की है. जानकारी मिलते ही मेडिकल टीम मौके पर पहुंच कैंप कर रही है साथ ही इसके लक्षण और बचाव को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
माता का प्रकोप मानकर झाड़ फूंक करने में लगे रहे
स्थानीय लोग इसे माता का प्रकोप मानकर झाड़ फूंक करा कर इस बीमारी को दूर भगाने का उपाय ढुंढ रहे है. घटना स्थल पर पहुंची मेडिकल टीम द्वारा काफी समझाने के बाद इलाज के अस्पताल भेजा गया है. जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमे टुना मुसहर की 3 वर्षीय पुत्री लक्की कुमारी, हीरो मुसहर के 1 वर्षीय पुत्री मंजू कुमारी, हरेन्द्र मुसहर का ढ़ाई वर्षीय पुत्र अनोज कुमार शामिल हैं. लगातार तीन दिनों से एक- एक मौत के बाद स्थानीय लोग काफी सहमे हुए है.
परिवार के लोग बोले- महारानी का है प्रकोप, डॉक्टर बोले बिमारी है.
इधर मीजल्स-रूबेला से अक्रांत बच्चों के परिजनों ने बताया कि हमारे बच्चों में पहले बुखार आया फिर खांसी उल्टी पैखाना होने लगा और उन्हें भुख भी नहीं लग रही है.जिसे हम लोग महरानी का प्रकोप समझ बीमारी को दुसरे हिसाब से भगा रहे थे.लेकिन जब डॉक्टर हमारे यहां पहुंचे और बीमारी की बात बताई तो हम लोग इलाज कराने के लिए यहां लाएं हैं.
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बोले डॉक्टर..
वहीं सदर अस्पताल के चिकित्सक और अधिकारियों का कहना है कि कहथू मसौढ़ी गांव में मीजल्स आउट ब्रेक की खबर मिली तत्काल वहां मेडिकल टीम भेज जांच पड़ताल और इलाज शुरू करवा दिए. जिन तीन बच्चों की मौत हुई है वो स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं देने और समय पर सही इलाज नहीं कराने के कारण हुई है.
ये लक्षण दिखते ही अस्पताल लेकर जाएं
बीमार बच्चों की इलाज शुरू की गयी है. वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि जिन बच्चों में बुखार, लाल दाने, आंख लाल व सुस्ती देखने को मिले वह तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर इलाज कराएं ताकि समय पर बच्चों का इलाज हो सकें और वो स्वस्थ रहें.
Published By: Thakur Shaktilochan