पलक झपकते ही इन अस्पतालों से गायब हो जाते हैं बच्चे
पिछले डेढ़-दो वर्षों में शहरी अस्पतालों से बच्चा चोरी के करीब आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
पटना : पीएमसीएच में दिनदहाड़े बच्चा चोरी की वारदात ने पीएमसीएच की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है. सवाल है कि अजनबी महिला कैसे वार्ड के अंदर पहुंची? तैनात गार्ड सतर्क थे, तो महिला ने कैसे नवजात को चोरी करने की कोशिश की? जानकारों की मानें, तो इन दिनों पीएमसीएच से लेकर शहर के लगभग हर सरकारी अस्पतालों में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय हैं. ज्यादातर मामलों में सूनी गोद को भरने के लिए इन बच्चों की चोरी होती है. पिछले डेढ़-दो वर्षों में शहरी अस्पतालों से बच्चा चोरी के करीब आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
सॉफ्ट टारगेट पर गरीब व गर्भवती मां
सूत्रों की मानें तो बच्चा चोरी करने में दलाल-एजेंट से लेकर अस्पतालकर्मी खासकर कुछेक प्राइवेट अस्पताल तक शामिल हैं. शातिरों की नजर नवजात पर होती है, जिसकी कीमत एक लाख रुपये या उससे अधिक वसूली जाती है. गिरोह के सॉफ्ट टारगेट पर गर्भवती या गरीब मां होती हैं. वहीं, बच्चों के खरीदारों में रईस परिवार भी शामिल होते हैं. राजधानी में बीते 21 महीने के दौरान नवजात की चोरी की चार वारदातों के सामने आने के बाद पुलिस और खुफिया तंत्र सकते में है.
बाबा गिरोह से जुड़ी महिला कर चुकी खुलासा
पीएमसीएच से दो साल पहले 25 साल की एक आरोपित महिला को पीरबहोर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. महिला ने खुद को पटना के बाबा गिरोह की सदस्य बताया था. पति का नाम उमेश राम बताया था. पूछताछ में उसने पूर्वी रामकृष्णा नगर में रहने वाले एक बाबा का नाम बताया था, जिसमें बाबा ने महिला को कहा था कि तुम्हारी कोख तभी आबाद होगी, जब तुम बच्चा लाकर दोगी. इसके बाद पुलिस ने रामकृष्णा नगर में छापेमारी की थी.
बेरोक-टोक वार्ड में जाते हैं अजनबी
पीएमसीएच के प्रसूति वार्ड व इमरजेंसी वार्ड में बेरोकटोक अजनबी आते-जाते हैं. जबकि कई बार बैठक में प्रसूति व इमरजेंसी में टोकन पास सिस्टम लागू करने की बात की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है.
गायब बच्चे का नहीं मिला कोई सुराग, भूखे-प्यासे खोज रही मां
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से गायब 14 माह के प्रिंस का 48 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है़ परिजनों का आरोप है कि पुलिस अनुसंधान की बात कह सिर्फ लकीर पीटने तक ही सीमित है. बुधवार को पीएमसीएच के टीओपी पुलिस व सुरक्षाकर्मियों ने बच्चा वार्ड व ओपीडी के पास पहुंच कर छानबीन की. लेकिन, कोई सुराग नहीं मिला. अस्पताल परिसर के मुख्य द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की गयी. इधर, बच्चे के गायब होने से मां मनीषा देवी का रो-रो कर बुरा हाल रहा. बच्चे के गायब होने की सूचना मिलते ही मनीषा के पिता सहित कई अन्य रिश्तेदार भी पीएमसीएच पहुंच गये. मां व परिजन भूखे-प्यासे पीएमसीएच के आसपास की गलियों में बच्चे की तलाश करते रहे.
मां बेहाल-बोली बेटा नहीं मिला, तो मैं जी नहीं पाऊंगी
बेटे के गम में मां बेहाल है. वह परिजनों से बस यही गुहार लगा रही है कुछ भी करो मेरे लाल को खोजकर ला दो़, वरना मैं जी नहीं पाऊंगी. मां की मानें, तो बच्चे को खोजने व आरोपित लड़की को पकड़ने के लिए अब तक पुलिस पीएमसीएच परिसर से कहीं बाहर नहीं गयी है. वहीं, पीरबहोर थाना प्रभारी ने बताया कि गायब बच्चे की तलाश में पुलिस पूछताछ कर रही है. अनुसंधान तेज कर दी गयी है. भागी लड़की को चिह्नित करने का प्रयास हो रहा है.
अस्पतालों में बच्चा चोरी एक नजर में
नौ जनवरी, 2019 : गुलबी घाट निवासी दिलीप की पत्नी की पीएमसीएच में डिलिवरी हुई, पांच दिन बाद बच्चा चोरी हो गया.
11 नवंबर, 2018 : एनएमसीएच के स्त्री व प्रसूति वार्ड में मरचा मरची की रहने वाली सरोज देवी का बच्चा चोरी हो गया. अब तक चोर गिरफ्तार नहीं.
16 सितंबर, 2017 : नालंदा जिले के बिगहा पोस्ट के ग्राम बरसाई की रहने वाली सोहनी देवी का पीएमसीएच में पांच दिन का बच्चा चोरी हुआ. हालांकि, गार्ड ने चोर को पकड़ लिया.
23 मार्च, 2017: पीएमसीएच में सीतामढ़ी से इलाज कराने आयी रानी देवी का छह साल का बच्चा चोरी हो गया. इसमें महिला चोर शामिल थी, जिसे पकड़ने के बाद मामला उजागर हुआ.
posted by ashish jha