प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना जांच कराने में बच्चों को हो रही परेशानी
बच्चे वायरल फीवर के साथ कई अन्य बीमारियों से ग्रसित होकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. इस बीच सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में डॉक्टर वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की कोरोना जांच भी कराने को बोल रहे हैं.
पटना. बच्चे वायरल फीवर के साथ कई अन्य बीमारियों से ग्रसित होकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. इस बीच सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में डॉक्टर वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की कोरोना जांच भी कराने को बोल रहे हैं.
सरकारी अस्पतालों में बच्चों की कोरेाना जांच हो रही है. लेकिन शहर के अधिकतर ऐसे प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां परिजनों को कोरोना जांच कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिजनों की मानें, तो अगर प्राइवेट अस्पताल के पास में ही कोरोना जांच की सुविधा मुहैया कराते, तो मौके पर ही कोरोना जांच हो जाती.
हालांकि, शहर के कुछ बड़े अस्पताल परिसरों में ही रैपिड एंटीजन किट से जांच की जाती है. लेकिन, परिजनों का कहना है कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में 50 रुपये फीस लेकर जांच की सुविधा की जाये, तो परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा.
पांच जिलों में छह पॉजिटिव, मुजफ्फरपुर में कोरोना का एक एक्टिव केस
शुक्रवार को राज्य के पांच जिलों में कोरोना के छह नये संक्रमित पाये गये. पटना में दो और दरभंगा, कैमूर, पूर्णिया व सीतामढ़ी जिले में एक-एक संक्रमित पाये गये. मुजफ्फरपुर में पिछले एक सप्ताह से कोई नया केस नहीं मिला है.
जिले में अब एक एक्टिव केस है. प्रदेश में एक लाख 67 हजार 874 सैंपलों की जांच की गयी. राज्य में अब सिर्फ 79 कोरोना के एक्टिव केस रह गये हैं, जबकि रिकवरी रेट 98.65% है. इधर, राज्य में शुक्रवार को 66,876 लोगों को कोरोना का टीका दिया दिया. सबसे अधिक पटना में 25,910 लोगों को टीका लगा.
Posted by Ashish Jha