बिहार में फाइलेरिया की दवा खाकर बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है. मंगलवार को मुजफ्फरपुर के विभिन्न स्कूलों में फाइलेरिया की दवा खाने से करीब 70 बच्चे बीमार पड़ गये. जिसमें कुढ़नी प्रखंड के झिकटी हाई स्कूल में फाइलेरिया की दवा खाने से करीब 20 बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी. इसकी जानकारी मिलते ही विद्यालय में अफरा-तफरी मच गयी. सूचना पर पीएचसी से डॉक्टरों की टीम पुलिस के साथ स्कूल पहुंची और सभी बेहोश बच्चों को एंबुलेंस व थाने की गाड़ी से पीएचसी ले जाया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ. रीता रेनू चौधरी ने प्रबंधक टप्पू गुप्ता व अन्य डॉक्टरों के सहयोग से इलाज शुरू किया. सभी बच्चों में उल्टी के साथ चक्कर आने जैसी समस्या थी.
पांचवीं कक्षा के छात्र थे
बीमार बच्चों में नीभा कुमारी, अर्चना कुमारी, अवंतिका कुमारी, वंश राज, अर्णव कुमार, अंशिका राज, अंबिता कुमारी, अंजली कुमारी, खुशबू कुमारी समेत करीब डेढ़ दर्जन बच्चे शामिल हैं. इलाज के बाद जब सभी की शारीरिक स्थिति सामान्य हो गयी तो उन्हें घर भेज दिया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रीता रेनू चौधरी ने बताया कि ऐसे मामले में घबराने की जरूरत नहीं है. बच्चों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है. सभी पांचवीं कक्षा के छात्र थे. बीईओ मिंटू कुमारी ने बताया कि सभी बच्चे स्वस्थ होकर घर लौट गये हैं. स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त पत्र के अनुसार फाइलेरिया की दवा खाने के बाद उल्टी और चक्कर जैसी शिकायत आम लक्षण है.
स्कूल से अस्पताल तक मची रही अफरातफरी
सरकारी निर्देश के अनुसार फाइलेरिया की दवा भोजन के बाद दी जानी थी. दवा खिलाने के लिए एएनएम और आशा की ड्यूटी लगाई गई थी. मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों को दवा दी गयी. करीब पांच से 10 मिनट बाद डेढ़ दर्जन बच्चों को उल्टी और चक्कर आने की शिकायत होने लगी. यह देख अन्य बच्चे डर गए. जिन बच्चों की तबीयत दवा खाने के बाद भी नहीं बिगड़ी वे भी अपने माता-पिता के साथ इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे. इससे स्कूल से लेकर अस्पताल तक अफरा-तफरी मच गयी. जिन बच्चों को कोई शिकायत नहीं थी, उन्हें भी डॉक्टरों ने देखा और समझाकर घर भेज दिया. इधर, अभिभावकों ने स्कूल में हंगामा कर दिया. कुढ़नी प्रभारी रवि प्रकाश ने सभी को समझा-बुझाकर शांत कराया. बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद प्रिंसिपल का मोबाइल नॉट रीचेबल बताने लगा.
मीनापुर में फाइलेरिया की दवा खाने से 45 बच्चे बीमार
मीनापुर में भी मध्य विद्यालय भटौलिया के 20 और प्राथमिक विद्यालय मधुबन कांटी मल्लाह टोला के 25 बच्चों को फाइलेरिया की दवा खाने के बाद सिरदर्द, जी मिचलाना, पेट दर्द आदि की शिकायत होने पर सीएचसी लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया. सीएचसी प्रभारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि इस दवा के सेवन के बाद ऐसी समस्या हो सकती है. किसी भी व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाता है. दवा खाने के बाद जब कीड़ा मर जाता है तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक है.
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फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पीएचसी द्वारा दवा खिलाये जाने के बाद सोमवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय, बैंगरी में भी चार बच्चे बीमार पड़ गये. दवा खाने के बाद बच्चों के सिर में चक्कर आने लगा और उल्टी होने लगी. हालांकि मेडिकल टीम द्वारा उन्हें तुरंत दवा दी गयी, जिससे वे कुछ देर में ठीक हो गये. पीएचसी प्रभारी डॉ नौशाद अहमद ने बताया कि सिर में चक्कर आने और उल्टी होने पर बच्चों को दवा दी गयी. अब सभी बच्चे स्वस्थ हैं.
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