रोहतास जिले में ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा मिलेगी. इसके लिए स्वाभिमान प्रोजेक्ट तैयार की गयी है. इसको लेकर समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए भवन के सभागार में उप विकास आयुक्त शेखर आनंद की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई. इसमें उक्त प्रोजेक्ट के तहत ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को किस तरह से शिक्षा मिले और श्रमिकों को किस तरह से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किये जाये आदि कई संबंधित बिंदुओं पर समीक्षा हुई. इसकी जानकारी नींव ईंट-भट्ठों फाउंडेशन के फाउंडर पूजा चौधरी व अंकुश कुमार ने बताया कि गरीबी के चलते ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक के तमाम ऐसे बच्चे, जो काम करके अपने परिवारों का सहयोग करते हैं. लेकिन, उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
स्वाभिमान प्रोजेक्ट के तहत ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षित करने से लेकर श्रमिकों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा. इसके लिए लगातार सर्व किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए टोला सेवकों की अहम भूमिका होगी, जिसका नाम स्वाभिमान फैलो दिया गया है. ये टोला सेवक ईंट-भट्ठों पर पहुंच बच्चों को शिक्षित करने का काम करेंगे. बता दें अब भी कई बच्चे ऐसे हैं, जो प्राइमरी शिक्षा से महरूम रहकर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का सहारा बने हुए हैं, जबकि शासन स्तर पर बैठे अधिकारियों की मंशा है कि अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाये. ईंट भट्ठों, होटल आदि पर काम करने वाले ऐसे बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए अधिकारियों के स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं.
स्वाभिमान प्रोजेक्ट के पहले फेज में जिले के 12 ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा दिया गया. इसकी जानकारी फाउंडर कुमारी पूजा ने दी. उन्होंने बताया कि पहले फेज में जिले के 12 ईंट-भट्ठों का सर्वे किया गया था, जहां काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए चिह्नित किया गया था. जिसके बाद उक्त प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित बच्चों को शिक्षित करने की दिशा अग्रेतर कार्य जारी है.
स्वाभिमान प्रोजेक्ट के दूसरे फेज के तहत जिले के 100 ईंट-भट्ठों पर श्रमिकों के बच्चों को शिक्षित किया जायेगा. इसी फेज को लेकर शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक हुई. इसकी जानकारी देते हुए फाउंडर ने बताया कि स्वाभिमान प्रोजेक्ट के दूसरे फेज के तहत सौ ईंट-भट्ठों का सर्वे किया जायेगा. इसके बाद वहां पर काम करने वाले श्रमिक के बच्चों को शिक्षित करने के लिए चिह्नित किया जायेगा. इसको लेकर डीडीसी ने कई दिशा-निर्देश जारी की है.
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