पटना. मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत नि:शुल्क सर्जरी कराने के लिए बुधवार को शहर के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में 840 बच्चों की स्क्रीनिंग की गयी. आइजीआइसी के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दिल में छेद से पीड़ित कुल 840 बच्चों की स्क्रीनिंग तीन दिन में की गयी. ये बच्चे पटना सहित पूरे बिहार के अलग-अलग जिले के हैं.
नॉर्मल सर्जरी आइजीआइसी में की जाएगी
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत तुरंत सर्जरी की जरूरत वाले जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को चिह्नित कर सरकारी खर्च पर अहमदाबाद भेजा जायेगा. वहां प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन संस्था उनकी नि:शुल्क सर्जरी करती है और अहमदाबाद जाने-आने रहने और खाने-पीने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है. वहीं नॉर्मल सर्जरी आइजीआइसी में ही कर ली जायेगी.
करीब 500 बच्चे सूची में शामिल होंगे
डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह स्क्रीनिंग संस्थान के निदेशक डॉ सुनील कुमार की देख रेख में की गयी. वहीं डॉ अमिताभ कुमार ने बताया कि अहमदाबाद से बच्चों की सूची आज जायेगी, उम्मीद है कि करीब 500 बच्चे सूची में शामिल होंगे, जिनकी मेजर सर्जरी की जायेगी. डॉ अमिताभ ने कहा कि सभी बच्चों की इको जांच डॉ अनिल कुमार ठाकुर व उनकी टीम ने की.
बाल हृदय योजना के तहत हृदय की बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को उठाया जाता है खर्च
बिहार सरकार हृदय की बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को बाल हृदय योजना के तहत्त सामान्य ऑपरेशन के लिए 1,30,000 रुपये तक देती है. हार्ट स्टेंट को बदलने की जरूरत होने पर 50000 रुपये दिए जाते हैं. यह रुपये मरीज को नहीं दिए जाते, यह सीधे अस्पताल के खाते में जाते हैं. इलाज के दौरान मरीज और उनके परिवार के व्यक्तियों को सभी सुविधाएं मुफ़्त में दी जाती हैं. इसके लिए बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संचालित अहमदाबाद स्थित अस्पताल से करार किया है.