पटना. यदि बच्चे को तीन दिन से ज्यादा बुखार है, उसे डायरिया, शरीर में लाल दाने व चकत्ते के अलावा आंखें लाल आदि के लक्षण लगते हैं, तो अलर्ट हो जाएं. यह मल्टी इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम यानी एमआइएस बीमारी के लक्षण हैं.
शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व पटना एम्स के अलावा निजी अस्पतालों में दर्जन भर से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं. आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने कोविड का इलाज कराने आ रहे मरीज के परिजनों को अलर्ट किया है.
उन्होंने कहा कि एमआइएस पोस्ट कोविड बच्चों में ज्यादा हो रहा है, जिनकी कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव है, लेकिन सीआरपी यानी सी रिएक्टिव प्रोटीन और डी डाइमर आदि की मात्रा बढ़ी हुई है. उन्होंने कहा कि इलाज में देर होने पर यह बच्चों के गुर्दा, दिल लिवर समेत दूसरे अंगों को प्रभावित कर सकता है.
डॉ मनीष मंडल ने कहा कि दो से 13 साल तक के बच्चों में यह अधिक पाया जाता है. मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम की चपेट में वे बच्चे आ रहे हैं, जो कोरोना संक्रमित रह चुके हैं या फिर जिनके घर में लोग कोरोना पॉजिटिव रहे हैं.
बच्चों से जुड़े इस मामले के सामने आने के बाद परिजन की टेंशन बढ़ गयी है. डॉक्टरों ने उन माता-पिता को खास तौर से सतर्क रहने की सलाह दी है, जिसके बच्चे या फिर परिवार में किसी सदस्य को कोविड का संक्रमण हुआ हो और अब वो ठीक हो चुके हों.
उन्होंने बच्चों के माता-पिता को सलाह दी है कि अगर किसी बच्चे को कोरोना का संक्रमण हुआ तो ठीक होने के बाद करीब 6 से 8 हफ्ते उनके स्वास्थ्य को लेकर अलर्ट रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि एमआइएस-सी एक गंभीर स्थिति है, लेकिन ठीक समय पर इलाज मिले, तो ठीक हो सकता है.
Posted by Ashish Jha