बिहार के जेलों में अपनी मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बच्चे अब शिक्षित हो पाएंगे. इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने सभी जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही शिक्षा विभाग के डीईओ को भी इस मामले में हर संभव सहयोग उपलब्ध कराने को कहा गया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की बेंच द्वारा की जा रही है.
राज्य सरकार को भी कार्रवाई करने का आदेश
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार को भी कार्रवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने राज्य के विभिन्न जेलों में अपनी मां के साथ बंद एक से छह वर्ष के बीच के 103 बालक एवं 125 बालिकाओं को शिक्षित करने की कार्रवाई पर जोड़ देते हुए यह आदेश दिया है.
इतने कैदी जेल मे हैं बंद
वहीं इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि राज्य की जेलों में 50682 पुरुष और 2350 महिलाएं विचाराधीन कैदी के रूप में बंद हैं. जबकि 6995 पुरुष और 212 महिलाएं सजायाफ्ता कैदी के तौर पर कैद हैं.
किस जेल में कितने बच्चे
एक से छह की उम्र के बीच के सबसे ज्यादा 16-16 बच्चे भागलपुर महिला मंडल कारा और नवादा मंडल कारा में बंद हैं. इसके अलावा कटिहार मंडल कारा में 14, गया केंद्रीय कारा में 13, बेतिया मंडल कारा में 10, बेऊर आदर्श केंद्रीय कारा में 9, मुज्जफरपुर जेल में 8, पूर्णिया केंद्रीय कारा में आठ, सिवान जेल में 8, आरा जेल में 8, सीतामढ़ी जेल में 8, जहानाबाद मंडल कारा में 8, दरभंगा मंडल कारा में 7 नाबालिग बच्चे अपनी मां के साथ बंद हैं. इस तरह पूरे प्रदेश के जेलों में कुल 103 बच्चे व 125 बच्ची बंद है.
सात दिसंबर को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले में अब कुल 228 नाबालिग को शिक्षित करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश देते हुए इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 7 दिसम्बर 2023 निर्धारित की है.