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अमित शाह से चिराग पासवान की मुलाकात में बन गयी बात, बढ़ सकती हैं चाचा पारस की मुश्किलें

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगले लोकसभा चुनाव में उनकी सीट बदल सकती है या फिर उनका पत्ता साफ हो सकता है. भाजपा ने हाजीपुर लोकसभा सीट पशुपति कुमार पारस के बदले चिराग पासवान की पार्टी को देने की मांग स्वीकार कर ली है.

पटना. दिल्ली में लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों की मुलाकात में अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर समझौता होने की सूचना है. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात सकारात्मक कही जा रही है. अमित शाह से मुलाकात के बाद चिराग ने पत्रकारों से बात नहीं की, लेकिन वो मुस्कुराते हुए बाहर आये. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसमें कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगले लोकसभा चुनाव में उनकी सीट बदल सकती है या फिर उनका पत्ता साफ हो सकता है. भाजपा ने हाजीपुर लोकसभा सीट पशुपति कुमार पारस के बदले चिराग पासवान की पार्टी को देने की मांग स्वीकार कर ली है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि चुनौती दे रहे चाचा पशुपति कुमार पारस को आखिरकार भतीजे ने मात दे दी है.

भाजपा ने चिराग की बात मानी

सूत्रों की मानें तो भाजपा ने चिराग पासवान की सभी मांगों को मान लिया है. कल रात भी बीजेपी के नेताओं ने चिराग से बात की थी. इससे पहले नित्यानंद राय कई राउंड की बातचीत कर चुके थे. भाजपा से सीटों पर सहमति बनने के बाद चिराग पासवान को आज अमित शाह ने मिलने के बुलाया. आज दोपहर चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात की. इसमें बीजेपी और लोजपा(रामविलास) के बीच अगले लोकसभा चुनाव को लेकर डील पक्की हो गयी. कहा जा रहा है कि भाजपा ने साफ कर दिया है कि हाजीपुर लोकसभा सीट चिराग पासवान को ही दी जायेगी. इसके अलावा उऩके हिस्से में चार और सीट आयेंगी. यानि चिराग पासवान को कुल मिलाकर पांच लोकसभा सीट दी जायेगी. चिराग इन सीटों में से दो पर अपने चाचा पारस के खेमे में गये दो सांसदों को अपना उम्मीदवार बना सकते हैं.

नित्यानंद राय ने की थी दोनों से मुलाकात

पिछले कई दिनों से भाजपा और चिराग पासवान के बीच बातचीत चल रही थी. भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय न सिर्फ चिराग पासवान बल्कि पशुपति पारस से भी बात कर रहे थे. भाजपा ने पशुपति पारस को कहा था कि वह अपने भतीजे चिराग पासवान से समझौता कर लें, लेकिन पारस ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था. उधर चिराग पासवान अड़े थे कि वे पारस की लोकसभा सीट हाजीपुर से खुद चुनाव लड़ेंगे ही, इसके साथ साथ उन्हें वे सारी सीटें चाहिए, जो पिछले लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी को दी गयी थी. चिराग पासवान और नित्यानंद राय के बीच हुई मुलाकात के बाद ही यह लगने लगा था कि भाजपा चिराग की मांग को लेकर गंभीर है. पशुपति कुमार पारस ने जिस प्रकार से कल नित्यानंद राय को एनडीए की ओर से अधिकृत सदस्य मानने से इनकार किया था, उससे लगने लगा था कि भाजपा से पारस की दूरी अब बढ़ने जा रही है.

पारस का पत्ता पूरी तरह साफ

कुछ दिनों बाद नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसमें पारस को हटाकर चिराग पासवान को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. चिराग को पहले भी मंत्री बनने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने ये क्लीयर कर दिया था कि जब तक बीजेपी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं करती तब तक वे मंत्री नहीं बनेंगे. अब जब सीटों की शेयरिंग फाइनल हो गयी है तब चिराग के मंत्री बनने का भी रास्ता साफ हो गया है. नये बनते समीकरण के आधार पर यह माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से पशुपति कुमार पारस की विदाई अब तय है. उनका एनडीए में रहना भी अब पूरी तरह तय नहीं है.

भाजपा के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं पशुपति पारस  

सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि बीजेपी उनके लिए सिर्फ एक सीट छोड़ने को राजी है. उस पर भी संशय बना हुआ है. पारस का हाल ये है कि उनसे अब तक भाजपा के किसी बड़े नेता ने सीटों के तालमेल को लेकर कोई बात नहीं की है. नित्यानंद राय ने उन्हें भाजपा की ओर से प्रस्ताव दिया था कि वे चिराग पासवान से समझौता कर लें, लेकिन पारस नहीं माने. इसके बाद भाजपा के किसी बड़े नेता ने पारस से बात नहीं किया है. इसका मतलब यही है कि भाजपा पारस को किनारे लगाने का इरादा बना चुकी है.

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