Political News: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी दलों की तैयारी अब जोर पकड़ने लगी है. एक तरफ जहां विपक्षी दलों ने इस बार एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू की है वहीं दूसरी ओर विपक्ष की गोलबंदी को देखकर अब एनडीए ने भी अपना कुनबा बड़ा कर लिया है. दोनों खेमों की ओर से हाल में ही शक्तिप्रदर्शन की गयी. बेंगलुरु की बैठक में विपक्षी दलों ने ताकत दिखाया तो दिल्ली में उसी दिन एनडीए की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में लोजपा (रामविलास) के नेता जमुई के सांसद चिराग पासवान भी शामिल हुए. आयोजनस्थल पर पीएम मोदी व पशुपति पारस ने चिराग को गले लगाया. चिराग पासवान ने खुद इसके बारे में क्या कहा जानिए..
दिल्ली के होटल अशोका में जब पिछले दिनों एनडीए की बैठक हुई तो भाजपा ने लोजपा के दोनों खेमों को इस बैठक में आमंत्रित किया. चिराग पासवान इस बैठक से पहले ही अपनी पार्टी को एनडीए में शामिल करा चुके थे. चिराग पासवान ने जब पिछले विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने का फैसला लिया तब भी वो चुनावी मंच से खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहा करते थे. दिल्ली की बैठक के दौरान पीएम मोदी और चिराग पासवान की करीबी फिर एकबार झलकी. जब पीएम मोदी ने चिराग को गले लगा लिया.
दिल्ली की बैठक में पहुंचे चिराग पासवान ने जब पीएम नरेंद्र मोदी के पांव छूकर आशीर्वाद लिए तो पीएम मोदी ने भी चिराग पर जमकर स्नेह लुटाया. पीएम ने चिराग के चेहरे को हाथों में लिया और बधाई दी. चिराग को उन्होंने गले से लगा लिया. यह तस्वीर और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.
एक न्यूज चैनल पर इसके बारे में बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मेरे प्रधानमंत्री से मेरा एक अलग रिश्ता है यह मैं हमेसा कहता आया हूं. मैं जब कहता था कि मैं हनुमान हूं उनका तो लोग तंज कसते थे. पीएम मेरे साथ तब खड़े थे जब सबसे बुरे दौर से मैं गुजर रहा था. पापा अस्पताल में अंतिम सांस गिन रहे थे और प्रधानमंत्री मेरे परिवार के साथ खड़े थे. वो डॉक्टर तक से राय मशवरा कर रहे थे. उन्होंने बढ़-चढ़कर मेरा व परिवार का साथ दिया. उसी खूबसुरत रिश्ते की झलक इस बैठक के दौरान दिखाई दी. उन्होंने बेटे की तरह प्रेम किया. मेरे गालों को ही नहीं सहलाया बल्कि अपने कंधे पर मेरा सिर रखकर भी गले लगाया.
Also Read: बिहार में नीतीश कैबिनेट का होगा विस्तार? जानिए महागठबंधन के कौन 4 नेता बन सकते हैं मंत्री..चिराग पासवान ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये सब पहले से स्क्रिप्टेड नहीं होता. भला आज की तारीख में किसमें इतनी हिम्मत है जो उन्हें स्क्रिप्ट दे सकता है. मैं गठबंधन का बस एक हिस्सा हूं. ये सब राजनीतिक नहीं बल्कि निजी रिश्ते का एक भाग था. चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस को लेकर भी कहा कि मैंने उनके पैर छूए क्योंकि मेरा वो संस्कार है. वो हमेसा मेरे चाचा ही रहेंगे. मैं अपने पिता की छवि उनमें ही देखता हूं. मैंने उनके पांव छूए और उन्होंने भी अपनी नाराजगी किनारे करते हुए मुझे गले से लगाया. चाचा क्यों मुझसे नाराज हैं पता नहीं. पर उन्होंने कुछ पल के लिए उसे भूला जरूर.
बता दें कि स्व. रामविलास पासवान के निधन के बाद से एक दूसरे से दूरी बनाकर चल रहे चिराग पासवान और उनके चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस इस बैठक में एकसाथ दिखे. दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में बिहार विधानसभा 2020 के समय से ही तल्खी देखी जा रही थी. यहां तक कि चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज, जो पारस खेमे का हिस्सा हैं, वो और चिराग एक कार्यक्रम में जब संयोगवश साथ दिख गए तो मुलाकात करने की जगह दोनों बेहद करीब होकर भी बिना बातचीत किए अलग-अलग निकल गए.
लेकिन दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में कुछ अलग दृश्य देखने को मिला. जब चिराग ने पारस के पांव छूए तो उन्होंने भतीजे को गले लगाया. इसपर चिराग ने कहा कि ये निजी रिश्ते की बात है. इसका सियासत पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा. इस दृश्य के ये मायने नहीं निकाले जाएं कि मैं और चाचा सियासी मैदान में साथ आ रहे हैं. बता दें कि पशुपति पारस ने भी सख्त लहजे में ये कहा है कि वो चिराग पासवान के साथ नहीं आएंगे. वहीं हाजीपुर सीट पर दोनों नेता अपने-अपने दावे एनडीए के अंदर ठोक रहे हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan