चिराग पासवान में सोमवार को महागठबंधन और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसी भी ऐसे गठबंधन में शामिल होना असंभव होगा जिसमें उनके चाचा शामिल होंगे. गौरतलब है कि वर्तमान में पशुपति कुमार पारस भाजपा के राजग सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं. ऐसे में ये पूछने पर कि क्या वो महागठबंधन में शामिल होंगे उन्होंने कहा कि बिहार में अब गठबंधन की विश्वसनीयता रही कहां है. हर दल अपनी व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा के कारण जिसका विरोध करता है, अंततः उसी दल के साथ चला जाता है. इसलिए मैं अभी किसी गठबंधन में शामिल होने के बारे में नहीं विचार कर रहा हूं. जब चुनाव का समय आएगा तो इसके बारे में तय करेंगे कि किसके साथ गठबंधन करें.
चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को अस्वीकार्य बताते हुए उन्हें सत्ता से हटाना की बात की थी. फिर जदयू पर अपनी पार्टी को तोड़ने का अरोप लगाया. इसके बाद वाले चिराग पासवान के चाचा पारस ने बाद में अधिकांश लोजपा सांसदों के समर्थन से दिवंगत रामविलास पासवान द्वारा बनाई गई पार्टी को विभाजित कर दिया और स्वयं केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए. हालांकि भाजपा द्वारा हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजग की बैठक में बिहार के जमुई से युवा सांसद चिराग पासवान को आमंत्रित किए जाने पर उनकी राजग में वापसी को लेकर अटकलें लगायी जाने लगी थी.
चिराद पासवान ने कहा कि बिहार में गठबंधनों ने अपनी मर्यादा खो दी है. आप चुनाव से पहले एक पार्टी के साथ गठबंधन करते हैं और बाद में दूसरे के साथ गठबंधन कर लेते हैं. ऐसे में जनता का विश्वास आप पर कम हो जाता है. उन्होंने एक बार फिर से नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां तक महागठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी का सवाल है तो क्या कोई यह दावा कर सकता है कि वो अगले चुनाव तक महागठबंधन में ही रहेंगे. गौरतलब है कि चिराग पासवान को राजद की इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार के चरण स्पर्श करते हुए देखा गया था. ऐसे में दोनों ही तरफ से उनके रिश्तों को लेकर अटकलें तेज हो गयी है.