NDA Meeting: चिराग पासवान ने पशुपति पारस के छूए पांव तो चाचा ने भतीजे को लगाया गले, जानिए दोनों क्या बोले..

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जब दिल्ली में एनडीए ने अहम बैठक की तो उस बैठक में पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच रिश्तों में कुछ नरमी दिखी. दोनों एक दूसरे को प्रेम देते दिखे. चिराग ने अपने चाचा पारस के पांव छूए और आशीर्वाद लिया तो चाचा ने भी भतीजे को गले लगाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2023 8:14 AM

NDA Meeting: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अब एनडीए और विपक्षी दलों ने अपने-अपने खेमे को मजबूती देने का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया है. एनडीए ने अपना कुनबा अब बढ़ा लिया है और दिल्ली में आयोजित अहम बैठक में बिहार से 4 सियासी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया. चिराग पासवान अब एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं. वहीं दिल्ली में आयोजित बैठक में एक ऐसा दृश्य दिखा जिससे कई संकेत सामने आए. रामविलास पासवान के निधन के बाद से चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच रिश्तों में जो खटास आई वो सबने देखा. लेकिन अब चिराग की ओर से एक पहल देखी गयी जब उन्होंने चाचा के पैर छूए और पारस ने भी भतीजे को गले से लगा लिया.

दिल्ली में एनडीए की बैठक, पीएम मोदी से चिराग को मिला स्नेह

नयी दिल्ली के अशोका होटल में राजग की बैठक शुरू होने से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन करते हुए उनके पैर छुए, तो प्रधानमंत्री ने तुरंत उन्हें उठाकर अपने गले लगा लिया. इस बैठक में चिराग के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति नाथ पारस भी पहुंचे थे, पारस से प्रधानमंत्री ने हाथ मिलाया. बिहार से चार दल इस बैठक में शामिल हुए.

चिराग ने चाचा पारस के छूए पांव, पारस ने गले लगाया

वहीं एनडीए की इस बैठक में चिराग और पारस के बीच एक ऐसा दृश्य दिखा जिसका इंतजार शायद लंबे अरसे से सभी कर रहे होंगे. चिराग पासवान अचानक अपने चाचा पशुपति पारस की ओर बढ़े और उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिए. पशुपति पारस थोड़ी देर के लिए चौंके जरूर लेकिन चिराग की इस पहल को उन्होंने भी सम्मान दिया और अपने भतीजे को गले से लगा लिए. इस दृश्य की तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं.

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दोनों खेमों के समर्थकों को आस

चिराग ने आगे बढ़कर चाचा पशुपति पारस से रिश्ते को ठीक करने की कोशिश की है. जिसे बाद अब यह सवाल सबके मन में उठ रहा है कि क्या अब पारस और चिराग के बीच ऑल इज वेल की स्थिति रहेगी या फिर एक बैठक में यह दृश्य दिखा और आगे रिश्ते में खटास जारी ही रहेगी. इसपर चिराग पासवान और पशुपति पारस की ओर से क्या प्रतिक्रिया आई है उसे भी जानने के लिए सभी तत्पर होंगे. हालाकि इस दृश्य ने दोनों खेमों के समर्थकों को खुशी दी है.

आपसी रिश्ते को लेकर क्या बोले चिराग व पारस? 

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान से मंगलवार को जब अपने चाचा के साथ सुलह की संभावना के बारे में पूछा गया तो चिराग ने कहा कि पशुपति पारस उनके लिए पिता की तरह हैं. वहीं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने परिवार में सुलह की वकालत करते हुए उनसे मुलाकात की थी. हालांकि, उन्होंने सुलह की किसी भी संभावना से इनकार किया. उन्होंने भाजपा के प्रति अपनी वफादारी का दावा किया.

जब अलग-अलग हुए दोनों के रास्ते

बता दें कि लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी ही नहीं बल्कि परिवार में भी दो फाड़ हुआ और पशुपति पारस व चिराग पासवान के रास्ते अलग हो गए. चिराग पासवान ने अपनी पार्टी का नाम लोजपा(रामविलास) रखा तो पशुपति पारस ने लोजपा (राष्ट्रीय) के नाम से पार्टी बनाई. पारस के साथ चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज भी चले गए. पशुपति पारस एनडीए का हिस्सा बने और केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया.

चिराग पासवान अब एनडीए के साथ

अब जब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है तो एनडीए अपना कुनबा मजबूत करने में जुटी चुकी है. बिहार के सियासी समीकरण बदल गए हैं और अब नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो चुके हैं. जदयू एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार में है. वहीं चिराग पासवान ने भी अब एनडीए का दामन थाम लिया है. जिसके बाद अब चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस के साथ एक ही गठबंधन का हिस्सा बन चुके हैं.

हाजीपुर सीट को लेकर विवाद

वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में हाजीपुर की सीट पर दावेदारी को लेकर एकबार फिर से चाचा पारस और भतीजा चिराग आमने-सामने हो चुके हैं. पशुपति पारस की जगह अब एनडीए से चिराग पासवान उस सीट पर टिकट चाहते हैं. जबकि दोनों अपनी-अपनी जिदों व दावों पर कायम हैं. इस बीच चिराग पासवान ने अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की और दावा किया कि उनकी बात को मान लिया गया है. जबकि पशुपति पारस ने इस दावे को गलत और भ्रामक करार दिया है. बताते चलें कि हाजीपुर सीट पर रामविलास पासवान रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करते रहे हैं. इस सीट पर अब चाचा और भतीजा दोनों अपने दावे ठोक रहे हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

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