पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आदेश है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी- कर्मचारी जमीन संबंधी मामलाें का समय से निस्तारण करेंगे.
म्यूटेशन, जमाबंदी, लगान वसूली आदि काम में किसी भी तरह ही बाधा नहीं आये, इसके लिए अंचल अधिकारी- राजस्व अधिकारी को दूसरे विभाग या काम में प्रतिनियुक्त नहीं किया जायेगा. विधि- व्यवस्था में भी प्रतिनियुक्ति नहीं की जायेगी.
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस पर अमल कराने के लिए सभी जिलों के डीएम को आदेश जारी किया है.
जमीन धारक आदि लोगों को भूमि संबंधी सभी मामलों का पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ समय- सीमा में कार्य करने के लिए उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भूमि सुधार कार्यक्रम लागू किये हुए है.
इसमें अॉनलाइन दाखिल-खारिज, ऑनलाइन एलपीसी, ऑनलाइन भू-लगान, सरजमीनी सेवाओं के तहत ऑपरेशन भूमि दखल-देहानी अभियान बसेरा तथा जल-जीवन हरियाली कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है.
साथ ही रैयतों की सुविधा के लिए विशेष अभियान चलाकर ऑनलाइन प्रकाशित डिजिटाइज्ड जमाबंदी पंजियों की अशुद्धियों के सुधार के लिए परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है.
आठ दिसंबर को सीएम की समीक्षा बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने यह मुद्दा उठाया.
बताया था कि अंचल अधिकारी एवं अंचल कार्यालय में पदस्थापित राजस्व अधिकारी को विभागीय कार्य के अलावा परीक्षा संचालन, विधि -व्यवस्था में प्रतिनियुक्त किया जा रहा है.
इससे राजस्व संबंधी सरकार के महत्वपूर्ण कार्य का पूरे नहीं हो पा रहे हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि लोगों को राजस्व एवं भूमि सुधार संबंधी समस्याओं के निस्तारण में दिक्कत नहीं आये, समय से सुनवाई हो इसके लिए विभाग हर स्तर पर प्रयास कर रहा है.
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Posted by Ashish Jha