बिहार में निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार, 23 जिलों में पुरुषों की तुलना में महिलाएं औसतन कम
बिहार के 23 जिलों में मतदाता सूची में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम है. इस बाबत चुनाव आयोग की ओर से नवंबर में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में वैसे जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में अभियान चलाया जायेगा जहां पर लिंगानुपात (जेंडर रेशियो) कम है.
शशिभूषण कुंवर, पटना. बिहार के 23 जिलों में मतदाता सूची में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम है. इस बाबत चुनाव आयोग की ओर से नवंबर में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में वैसे जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में अभियान चलाया जायेगा जहां पर लिंगानुपात (जेंडर रेशियो) कम है. राज्य का जनसंख्या अनुपात 918 है,जबकि मतदाता सूची का लिंगानुपात 904 है.
लिंगानुपात में हर हाल में सुधार होना चाहिए
इसे देखते हुए सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि लिंगानुपात में हर हाल में सुधार होना चाहिए. राज्य के सिर्फ 15 जिले ऐसे हैं जहां की मतदाता सूची में जेंडर रेशियो आदर्श हैं, जबकि 23 जिले ऐसे हैं जहां की मतदाता सूची में महिलाओं की संख्या औसत रूप से पुरुषों से कम है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि आयोग के निर्देश को सभी जिलों तक जारी कर दिया गया है.
जिलों को टारगेट कर जेंडर में होगा सुधार
राज्य में किशनगंज जिले की मतदाता सूची का लिंगानुपात सर्वाधिक 955 है, जबकि सबसे कम 870 लिंगानुपात वैशाली व लखीसराय जिले का है. जिन जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में लिंगानुपात सुधार के लिए अभियान चलाया जायेगा. उनमें पश्चिम चंपारण में 872, शिवहर में 888, सीतामढ़ी में 887, मधुबनी में 910, अररिया में 916, दरभंगा में 893, मुजफ्फरपुर में 891, सारण में 900, वैशाली में 870, समस्तीपुर में 880 शामिल हैं.
इन जिलों में जेंडर रेशियों को बढ़ाने की कोशिश
इसी प्रकार बेगूसराय में 884, खगड़िया में 912, भागलपुर में 890, बांका में 889, मुंगेर में 865, लखीसराय में 870, पटना में 905, भोजपुर में 891, बक्सर में 898, जहानाबाद में 910, औरंगाबाद में 885 और जमुई में 906 शामिल हैं. इन जिलों में जेंडर रेशियों को बढ़ाने की दिशा में बूथ लेबल अफसर व राजनीतिक दलों के सहयोग से काम किया जायेगा.