मुजफ्फरपुर . निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल बंदी के दौरान भी अभिभावकों से स्कूल बस की फीस वसूल की है. स्कूल की फीस रसीद सामने आने पर इसका खुलासा हुआ है. अभिभावकों का कहना है कि दिसंबर में स्कूल बंद थे, इसके बावजूद दिसंबर से फरवरी तक की फीस में ट्रांसपोर्ट फीस दिखायी गयी है.
मामला सामने आने पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स के सचिव व इंद्रप्रस्थ स्कूल के सचिव सुमन कुमार की दलील है कि स्कूलों को स्कूल बस के कर्मचारियों की इपीएफ और इएसआइ की राशि भरनी होती है, इसलिए कुछ स्कूलों ने ट्रांसपोर्ट फीस ले ली होगी. उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों में डाउट क्लास के लिए बच्चे बस से आये हैं.
बंद स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी की फीस भी जेब से काटी . स्कूलों में अभिभावकों की जेब से बंद स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी की फीस भी जेब से निकाल ली गयी. कुछ अभिभावकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल लगातार उन पर फीस जमा करने का दवाब डाल रहे थे. फीस नहीं देने पर बच्चों को फाइनल परीक्षा देने से रोका जा रहा था. इसलिए उन्होंने फीस जमा कर दिये.
राज्य सरकार ने छात्रों से ट्रांसपोर्ट फीस लेने से मना किया था. सरकार का निर्देश था कि स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट फीस नहीं. अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल जबरन फीस ले रहे हैं. कई बार तो क्लास में बच्चों को भी फीस के बारे में पूछ कर उन्हें शर्मिंदा किया जाता है.
सिकंदरपुर के कुछ अभिभावकों ने बताया कि उनका बच्चा प्ले स्कूल में पढ़ रहा है. हमलोगों ने समय पर फीस जमा कर दी है, इसके बावजूद स्कूल की ओर से फीस जमा करने का मैसेज आ जाता है. अभिभावकों ने कहा कि हालांकि मैसेज में यह बात लिखी रहती है कि फीस जमा करने वाले अभिभावक इसे नजरअंदाज करें, लेकिन मैसेज आने पर मन तो चौंक ही जाता है.
Posted by Ashish Jha