पटना. बिहार की राजधानी पटना की सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है] जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ सकती हैं. बिहार के 50 हजार नगर निकाय कर्मी 11 सूत्री मांगों को लेकर 27 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे. इस दौरान वे सफाई व्यवस्था के साथ कामकाज ठप रखेंगे.
बेमियादी हड़ताल पर जाने से निगम के सफाईकर्मी न सिर्फ शहर की सफाई व्यवस्था को ठप कर देंगे. बल्कि डोर टू डोर कचरा उठाव को भी बंद रखा जाएगा. हड़ताल का आह्वान बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने किया है.
बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस में मोर्चा के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि मांगों की पूर्ति को लेकर पिछले साल सितंबर में हड़ताल हुई थी. लेकिन, हाइकोर्ट के आदेश पर उसे वापस ले लिया गया था. निकाय कर्मियों की मांगों पर सरकार को दो माह में निर्णय लेना था, लेकिन साल भर बीतने पर भी निर्णय नहीं लिया गया.
उन्होंने कहा कि नगर विकास और आवास विभाग के द्वारा 15 जून, 2018 को चतुर्थवर्गीय पद को समाप्त कर दिया था. इनकी जगह मजदूरों को आउटसोर्स कर काम कराने की बात कही गयी है जो निकायकर्मियो को मंजूर नहीं है. इसका साफ अर्थ है कि निजीकरण के माध्यम से आरक्षण को समाप्त करना है.
संघर्ष मोर्चा और स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ इसका विरोध करते आ रहे हैं. इससे पहले भी हड़ताल की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट के अनुरोध पर उसे वापस ले लिया गया था. मगर इस बार हमलोग हड़ताल के लिए बाध्य हैं. मजदूर नेता चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि नई सरकार से हमलोगों को उम्मीद है. सरकार हमसे वार्ता कर सकती है, लेकिन निगम और विभाग के अधिकारियों की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है.