पटना में साफ-सफाई के बाद अब गंगा घाटों पर लगने लगे बांस-बल्ले, दिखने लगी छठ की छटा
अब घाटों पर तेजी से बांस-बल्लेलगाने का काम चल रहा है. बुधवार को ज्यादातर घाटों पर बांस-बल्लेलगाये जाते रहे. इसके जरिये व्रतियों और आम लोगों को निर्धारित क्षेत्र से आगे गंगा नदी में जाने से रोका जायेगा, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
पटना. गंगा घाटों पर साफ-सफाई का अधिकांश काम पूरा हो चुका है. पानी घटने और सफाई होने के बाद सीढ़ियों के जरिये आसानी से गंगा में स्नान हो सकता है. अब घाटों पर तेजी से बांस-बल्लेलगाने का काम चल रहा है. बुधवार को ज्यादातर घाटों पर बांस-बल्लेलगाये जाते रहे. इसके जरिये व्रतियों और आम लोगों को निर्धारित क्षेत्र से आगे गंगा नदी में जाने से रोका जायेगा, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
तेजी से घट रहा है गंगा का जलस्तर
बुधवार की सुबह गांधी घाट पर गंगा नदी का जल स्तर 47.12 मीटर था. यह जलस्तर तेजी से घट रहा है. हर दिन करीब 20 सेंटीमीटर पानी घट रहा है. पानी कम होने से गंगा किनारे के कई पक्के घाटों पर काफी जमीन भी निकल गयी है, जहां छठ किया जा सकता है. ऐसी कच्ची जमीन पर दलदल नहीं हो, इसके लिए सफाई के बाद सूखा बालू डाला गया है. यहां पर भी कच्ची सीढ़ीदार संरचना बनायी गयी है. दो-तीन दिनों में और भी तेजी से पानी कम होने की उम्मीद की जा रही है.
घाटों पर चेंजिंग रूम बनाये गये हैं
बंसी घाट, काली घाट, कदम घाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णा घाट, एनआइटी घाट, लॉ कॉलेज घाट, रानी घाट, बीएन रॉय घाट, बालू घाट, घघा घाट समेत विभिन्न घाटों पर बुधवार से साज-सजावट अपना आकर्षक रूप लेने लगी. यहां अतिरिक्त प्रकाश के लिए लाइटें लगायी जा रही थीं. बिजली के लिए तार पहले ही लग चुके हैं. साउंड सिस्टम भी घाटों पर लगाया जा रहा है, ताकि भीड़ नियंत्रण के लिए अनाउंस किया जा सके. घाटों पर चेंजिंग रूम बनाये गये हैं, इन चेंजिंग रूम का इस्तेमाल महिलाएं कपड़ा बदलने में करेंगी.
घाटों पर शौचालय बनाये जा रहे हैं
आने वाले व्रतियों और आम लोगों के लिए घाटों पर शौचालय बनाये जा रहे हैं. घाटों पर नीले, पीले और सफेद कपड़े का घेरा दिख रहा है. प्रत्येक घाट पर नियंत्रण कक्ष बनाये जा रहे हैं. इन नियंत्रण कक्ष में मजिस्ट्रेट और अन्य पदाधिकारी छठ के दौरान लगातार मौजूद रहेंगे. एनआइटी घाट पर बुधवार को गुब्बारों से बना गेट दिखा. इस घाट पर बड़ी संख्या में लोग अभी से गंगा स्नान और गंगा जल लेने के लिए पहुंचने लगे हैं.