भागलपुर जिले के किसानों के चेहरे पर अब मायूसी छाने लगी है. कारे बदरा धान किसानों को धोखा देने लगे हैं. वे बरसने की जगह फुहार देकर आगे निकल जा रहे हैं. धान के लिए उपयुक्त बारिश नहीं होने से सुखाड़ के आसार बनते दिख रहा है. बादलों को देख किसानों में आस जग रही है कि जम कर बारिश होगी, लेकिन बादल फुहार से आगे नहीं बढ़ रहे हैं.
बता दें कि जून में अधिक बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गये थे और किसान खेती में जुट गये थे. अचानक बारिश रुकने से रोपा धीमी गति से हो रही है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अब तक सभी तरह के धान का रोपा 80 से 90 प्रतिशत हो जाना चाहिए, लेकिन बारिश नहीं होने से 25 फीसदी भी रोपा नहीं हो सकी है.
वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि एक जून से तीन अगस्त तक 489 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन अब तक मात्र 217 एमएम ही बारिश हो सकी है. अगस्त में सामान्य बारिश से कुछ कम बारिश हुई है. धान की खेती के लिए अब तक 50 फीसदी से कम बारिश हुई, जो चिंताजनक है. उन्होंने बताया कि तीन अगस्त तक 27 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन अभी 26 एमएम ही बारिश हुई है. अब भी बारिश होगी, तो रोपनी व बॉग-जीरो टिलेज विधि से धान की खेती में दिक्कत नहीं होगी.