मई के साथ आयेंगे बादल, उत्तर बिहार में हल्की बारिश के आसार, किसान बरतें ये सावधानी

अनुकूल मौसमीय परिस्थितियां बनने के कारण 01 से 03 मई को उत्तर बिहार के जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है़ सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है.वर्षा के समय हवा की गति तेज रहने की संभावना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2022 6:52 PM

समस्तीपुर. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र व भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 30 अप्रैल से चार मई तक मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है़ पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल आ सकते हैं. अनुकूल मौसमीय परिस्थितियां बनने के कारण 01 से 03 मई को उत्तर बिहार के जिलों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है़ सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है.वर्षा के समय हवा की गति तेज रहने की संभावना है.

मई से अधिकतम तापमान में गिरावट

इस अवधि में मई से अधिकतम तापमान में गिरावट आ सकती है़ यह 34-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. वहीं न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है़ सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 65 से 75 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है.पूर्वानुमान अवधि में औसतन 20 से 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है़ आज का अधिकतम तापमान: 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम रहा़ वहीं न्यूनतम तापमान: 24.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा़

कटनी व सुखाने के काम में सावधानी बरतें

कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए सत्तार ने किसानों को सुझाव दिया है कि 01 से 03 मई के आसपास में हल्की बूंदाबांदी तथा कुछ स्थानों में मध्यम वर्षा की संभावना को देखते हुए सतर्कता बरतें. गेहूं अरहर तथा रबी मक्का की कटनी और सुखाने का काम सावधानी पूर्वक करें. गेहूं की दौनी कर सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें. फिलहाल खड़ी फसलों में सिंचाई स्थगित रखें. कीटनाशकों का छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें. भिंडी की फसल को लीफ हॉपर कीट द्वारा काफी नुकसान होता है़ यह कीट दिखने में सूक्ष्म होता है़ इसके नवजात एवं वयस्क दोनों पत्तियों पर चिपककर रस चूसते हैं.

ऐसे करें उपाय

अधिकता की अवस्था मे पत्तियों पर छोटे-छोटे धब्बे उभर जाते हैं.पत्तियां पीली तथा पौधे कमजोर हो जाते हैं. इससे फलन प्रभावित होता है़ इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें. भिंडी फसल में माइट कीट की निगरानी करते रहें. प्रकोप दिखाई देने पर इर्थियान 1.5 से 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें. भिंडी, नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू) तथा खीरा की फसल में निकाई गुड़ाई करें. किसान ओल की फसल की रोपाई करें. रोपाई के लिये गजेन्द्र किस्म अनुशंसित है़

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