सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से की शिकायत, बिहार का पैसा दूसरे राज्यों में निवेश कर रहे बैंक
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार में बैंकों के रवैये में हस्तक्षेप करने को कहा है. शनिवार को बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड की तेलिहारा पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरूआत के समय अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बैंकों में यहां के लोगों के द्वारा जमा की गयी रकम को दूसरे राज्यों में निवेश किया जा रहा है.
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार में बैंकों के रवैये में हस्तक्षेप करने को कहा है. शनिवार को बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड की तेलिहारा पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरूआत के समय अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बैंकों में यहां के लोगों के द्वारा जमा की गयी रकम को दूसरे राज्यों में निवेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में सीडी रेशियो मात्र 43 प्रतिशत है, जबकि दूसरे कई राज्यों में यह सौ प्रतिशत और कुछ में इससे भी अधिक है.
प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए नीतीश ने कहा
प्रधानमंत्री को खगड़िया के तेलहारा से इस योजना की देश भर में शुरूआत करने के लिए धन्यवाद देते हुए नीतीश ने कहा कि हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में हमने बिहार में वार्षिक साख योजना एनुअल क्रेडिट प्लान को बढ़ाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग की कमी है, जिसे बढ़ावा देने के लिए विशेष सहायता के रूप में जीएसटी और आयकर में केंद्र सरकार द्वारा छूट दी जानी चाहिये. मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए आवंटित 25 हजार करोड़ की राशि को और बढ़ाये जाने की मांग की, ताकि बिहार जैसे राज्यों में एमएसएमइ को बढ़ावा मिल सके. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा. उन्होंने कहा कि संकट के समय में हमलोगों ने सभी का अच्छी तरह से ख्याल रखा है और आगे भी रखेंगे. सीएम ने राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि में बिहार के बाहर फंसे 21 लाख से अधिक लोगों को हजार रुपये की सहायता राशि दिये जाने की चर्चा की. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार भी शामिल हुए. प्रधानमंत्री के साथ हुए छह संवाद का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने भी कई सुझाव दिये हैं.
बिहार के 32 जिलों को मिलेगा इसका लाभ
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत छह राज्य के 116 जिले में इसकी शुरुआत की गयी है. इसमें बिहार के 38 जिलों में से 32 जिले शामिल हैं. योजना में उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां बाहर से 25 हजार या उससे अधिक लोग वापस आये हैं. इस योजना के अंतर्गत 25 कार्य क्षेत्र को शामिल किया गया है और इसकी कार्यावधि अभी 125 दिनों की है. केंद्र सरकार इस पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसके तहत एक पंचायत में तीन करोड़ 43 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी अपनी तरफ से तेलिहारा पंचायत में दो करोड़ 30 लाख रुपये की योजना की शुरूआत कर रही है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया.
सरकार की कोशिश रोजगार के लिए किसी को नहीं जाना पड़े बाहर
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने कोरेंटिन सेंटरों में रह रहे लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की. बातचीत के क्रम में उनलोगों ने बताया कि बाहर में उन्हें काफी कष्ट हुआ है और अब वे बिहार के बाहर नहीं जाना चाहते हैं. यहीं काम करना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को भी बिहार के बाहर नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले.उन्हाेंने कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. मनरेगा, सड़क निर्माण कार्य एवं अन्य विकास कार्यों के साथ सात निश्चय की योजना तथा जल जीवन हरियाली अभियान की योजनाओं के तहत श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
जल जीवन हरियाली अभियान पर तीन साल में 24 हजार करोड़ से अधिक होंगे खर्च
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरु की गयी जल जीवन हरियाली अभियान पर तीन साल में 24 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब तक 9.50 लाख जीविका का गठन किया गया और इससे एक करोड़ से अधिक परिवार जुड़े हैं. बाहर से आये 41 हजार परिवारों को भी जीविका से जोड़ा गया है. हमारा लक्ष्य 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya