कुढ़नी उपचुनाव: CM नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक मंच से देंगे BJP को चुनौती, जुटेगा दिग्गजों का जमावड़ा
Kudhani by election - कुढ़नी उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं. इसमें जदयू भी पीछे नहीं है. जदयू प्रत्याशी के पक्ष में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी चुनाव प्रचार करेंगे. jdu के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताई ये बात.
पटना. कुढ़नी उपचुनाव ( Kudhani by election ) को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. इसको लेकर सभी पार्टियों ने प्रचार अभियान तेज कर दी है. वहीं, महागठबंधन प्रत्याशी मनोज कुशवाहा ( Manoj Kushwaha ) के पक्ष में महागठबंधन के कई दिग्गज प्रचार- प्रसार करेंगे. इसमें सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) भी शामिल हैं. ये बातें जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कही.
सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव करेंगे प्रचार
उमेश कुशवाहा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 2 दिसंबर को सयुक्त रूप से महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे. मनोज कुशवाहा के पक्ष में वोट मांगेंगे. इससे पहले भी 30 नवंबर को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी वहां चुनाव प्रचार करने जाएंगे. वहां उस दिन उनके कई कार्यक्रम है.
महागठबंधन की जीत निश्चित- जदयू प्रदेश अध्यक्ष
आगे जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा भी क्षेत्र से जिन दिग्गजों की मांग हो रही है. सभी को वहां चुनाव प्रचार के लिए भेजा जा रहा है. इस बार वहां के लोगों ने महागठबंधन के पक्ष में मन बना लिया है. वहां के लोगों को महागठबंधन ही पसंद है. हम वहां से निश्चित रूप से जीत रहे हैं.
ये सीट इसलिए हो जाता है खास
बता दें कि कुढ़नी के चुनावी मैदान में कुल 13 उम्मीदवार बचे हैं. 13 में से 4 उम्मीदवार चर्चा के केंद्र में हैं. कुढ़नी में 5 दिसंबर को वोट पड़ने हैं. जदयू के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा, भाजपा के केदार गुप्ता, वीआईपी के निलाभ कुमार और एआईएमआईएम के मोहम्मद गुलाम मुर्तजा पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. कुढ़नी सीट पर पहले राजद का कब्जा हुआ करता था, लेकिन इस बार यह सीट जदयू के पाले में चली गयी है, लेकिन महागठबंधन हर हाल में इस सीट पर फिर से कब्जा जमाना चाहता है. वहीं, यहां जीत- हार का अंतर बहुत कम रहा है. पिछले चुनाव में सिर्फ 712 वोट से जीत हुई थी. इसलिए सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं.