बिहार में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. अब, बिहार सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है. इसकी घोषणा सीएम नीतीश कुमार ने की है. इसके साथ ब्लैक फंगस को बिहार में एपिडमिक डिजिज एक्ट में शामिल किया गया है. राज्य में ब्लैक फंगस के मामलों की सिविल सर्जन रिपोर्ट करेंगे और इसके मरीजों को मुफ्त दवा मिलेगी.
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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी ट्वीट करके ब्लैक फंगस को महामारी की श्रेणी में शामिल करने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है इस एक्ट के तहत सभी निजी और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की ओर से म्यूकोरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) के सभी तरह के मरीजों की रिपोर्ट सिविल सर्जन भेजेंगे. ऐसे मरीजों का फ्री में इलाज होगा. इसको लेकर कई निर्देश दिए गए हैं.
मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार राज्य में ब्लैक फंगस बीमारी को ऐपिडमिक डिजिज एक्ट के तहत अधिसूचित किया गया है। निजी एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा म्यूकोरमायकोसिस मरीजों के मामले को सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को प्रतिवेदित किया जाएगा।मरीजों को मिलेगी मुफ्त दवा।
— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) May 22, 2021
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का कहना है अगर कोई भी अस्पताल सरकारी आदेश को नहीं मानेगा तो उस पर एपिडमिक डिजिज एक्ट की धारा-3 के तहत कार्रवाई की जाएगी. अधिसूचना निर्गत होने की तारीख से एक वर्ष तक यह प्रभावी रहेगा. ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी दवा (एंफोटेरिसिन) के छह हजार वायल पहले ही सरकारी और निजी अस्पतालों में भेजे जा चुके हैं. इस पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगेगा. उन्होंने भरोसा दिया है कि राज्य सरकार कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस से निपटने की दिशा में गंभीर कोशिश कर रही है. ऐसे मरीजों के इलाज को सही ढंग से करने के लिए केंद्र सरकार राज्य को लगातार हरसंभव मदद भी कर रही है.