सीएम नीतीश कुमार ने 11-12 सितंबर को बुलाई जेडीयू की बड़ी बैठक, नेताओं से मुलाकात कर लेंगे फीडबैक
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इसे रूटीन बैठक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री पहले भी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 11 सितंबर को पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और प्रमंडल प्रभारियों से मिलेंगे.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के बीच सीटों के तालमेल को लेकर राजनीतिक दलों में चुनाव क्षेत्रों की दावेदारी तैयार होने लगी है. इसी कड़ी में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू नेताओं के साथ बैठक करेंगे. सीएम की यह बैठक 11 और 12 सितंबर को 1 अणे मार्ग में होगी जहां वो अपने दल के नेताओं से फीडबैक और ग्राउंड लेवल पर चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी लेंगे. पहले दिन 11 सितंबर को सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक होगी. दूसरे दिन 12 सितंबर को जिला प्रभारी, विधानसभा प्रभारी भी इसमें शामिल होंगे.
दो दिनों की बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता रहेंगे मौजूद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों दिन की बैठकों में मौजूद रहेंगे. उनके साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने की भी संभावना है. इस बैठक को आगामी चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. बैठक में राज्य के लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति सहित इंडिया गठबंधन को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है. बैठक में शामिल नेताओं के माध्यम से मुख्यमंत्री आम कार्यकर्ताओं तक अपने संदेश पहुंचाकर पार्टी संगठन को चुनाव के लिए तैयार करने की दिशा में पहल करेंगे.
इन विषयों पर हो सकती है चर्चा…
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री संगठन को मजबूत और धारदार बनाने के उपायों सहित आम लोगों को जोड़ने पर चर्चा करेंगे. खासकर ”भाजपा हटाओ देश बचाओ, भाजपा मुक्त देश बनाओ” अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए योजनाओं पर भी चर्चा होगी. साथ ही पार्टी द्वारा चलाये जा रहे कर्पूरी चर्चा सहित अन्य कार्यक्रमों का फीडबैक लेकर उसको बेहतर तरीके से चलाने के मुद्दों पर भी बात होगी.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने बताया रूटीन बैठक
इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इसे रूटीन बैठक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री पहले भी पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 11 सितंबर को पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और प्रमंडल प्रभारियों से मिलेंगे. साथ ही 12 सितंबर को वे प्रखंड अध्यक्षों और विधानसभा प्रभारियों से मुलाकात करेंगे.
समय से पहले चुनाव होने की सीएम ने कई बार जताई है आशंका
दरअसल सीएम नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि चुनाव का कोई ठीक नहीं. यह समय से पहले भी हो सकता है. इसलिए हमें विशेष सतर्कता बरतते हुए साथ आगे बढ़ना होगा. तेजी से काम करना होगा. उन्हों इस दौरान दावा करते हुए यह भी कहा था कि केंद्र में अभी जो हैं उनकी हार तय है.
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माले ने राजद को भेजी अपनी नौ सीटों की सूची
वहीं इससे पहले मंगलवार को भाकपा – माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार में 2024 की लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेगी, इसे लेकर 30 सितंबर से पहले महागठबंधन की बैठक होगी, जिसमें टिकट बंटवारे पर चर्चा होगी. दीपंकर ने कहा कि टिकट को लेकर हमने पार्टी का प्रस्ताव राजद को भेजा है और जहां हमारे विधायक है उन सभी संबंधित संंसदीय सीटों पर हम चुनाव लड़ेंगे. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने सीटों का आंकड़ा नहीं बतलाया, लेकिन पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक नौ सीटों पर पार्टी ने प्रस्ताव भेजा है. इसमें सीवान, आरा, काराकाट, जहानाबाद, पाटलीपुत्र, कटिहार, बाल्मिकीनगर, बक्सर, समस्तीपुर शामिल है. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक से भाजपा परेशान है. बैठक में 2024 चुनाव को लेकर कई निर्णय लिए गये हैं, जिसमें तय किया गया है कि हर राज्य में विपक्षी एकता के दम पर महंगाई, बेरोजगारी और अस्थायी तानाशाही के खिलाफ जन अभियान चलेगा. यहां भी दो अक्तूबर से पार्टी और महागठबंधन का जन जागरूकता अभियान शुरू होगा.
कांग्रेस बिहार की 10 लोकसभा सीटों पर थोक सकती है दावेदारी
इधर प्रदेश कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव- 2024 में राज्य की 10 सीटों पर दावेदारी करने का मन बना चुकी है. पार्टी नेताओं का मानना है कि इतनी सीटें मिलती हैं, तो पार्टी सभी वर्ग के नेताओं को चुनाव में एडजस्ट कर सकती है. हालांकि, अभी सीटों का आधिकारिक तालमेल पार्टी आलाकमान को करना है. प्रदेश कांग्रेस की ओर से सवर्णों के अलावा दलित, पिछड़ा व अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के बीच सीटों का आवंटन किया जाना है. इसको लेकर पार्टी सासाराम, औरंगाबाद, नवादा, बेगूसराय, मोतिहारी, किशनगंज, कटिहार, सुपौल, समस्तीपुर व पूर्णिया के अलावा दरभंगा या मधुबनी में किसी एक सीट पर दावेदारी ठोकने का मन बना चुकी है. पार्टी इन सीटों के लिए अपने आलाकमान के पास इस प्रस्ताव को भेजने की तैयारी में है. अभी बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में सिर्फ एक किशनगंज की सीट पर कांग्रेस का सांसद है.