सीएम नीतीश कुमार ने दिया निर्देश, पल्स पोलियो की तर्ज पर हो बिहार में कोरोना वैक्सिनेशन का काम
हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता हो, ताकि बेहतर उपचार हो सके. बिहार यूनिवर्सिटीज ऑफ हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को शामिल किया जाये.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि जब तक वैक्सिनेशन न हो जाये, तब तक कोरोना संक्रमण के जांच की प्रक्रिया इसी तरह बनाये रखें. पल्स पोलियो की तर्ज पर पूरी सजगता के साथ वैक्सिनेशन का कार्य बेहतर तरीके से हो.
डीएम के स्तर पर प्रत्येक दिन इसकी मॉनीटरिंग की जाये. उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, प्राथमिकता वाले एज ग्रुप, जनप्रतिनिधि, सभी सरकारी कार्यों से जुड़े हुए लोग, संविदाकर्मी, दुकानदार, व्यवसायी समेत इस तरह के जो भी वनरेबुल ग्रुप (चपेट में आने की अधिक संभावना वाले लोग) हैं.
इन सभी के लिए वैक्सिनेशन की व्यवस्था पहले हो. मुख्यमंत्री एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत स्वास्थ्य विभाग से संचालित होने वाली योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने कहा कि बाल ह्रदय योजना के अंतर्गत ह्रदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की मुफ्त उपचार की व्यवस्था के लिए काम करें. इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (आईजीआईसी) और आईजीआईएमएस में ह्रदय उपचार को ज्यादा बेहतर किया जाये. हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता हो, ताकि बेहतर उपचार हो सके. बिहार यूनिवर्सिटीज ऑफ हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को शामिल किया जाये.
बड़ी संख्या में टेस्टिंग होने से कोरोना फैलाव रोकने में मिली मदद
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर कार्य किये गये हैं. बड़ी संख्या में टेस्टिंग होने से संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिली है.
जब तक वैक्सिनेशन न हो जाये, तब तक कोरोना संक्रमण की जांच इसी तरह मेंटेन रखें. वैक्सिनेशन के लिए स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था रखें. वैक्सिनेशन कार्य में मैन पॉवर का समायोजन इस प्रकार हो कि अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी सुचारु रूप से चलती रहें.
टेलीमेडिसीन से सभी अस्पताल को जोड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसीन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों और जिला अस्पतालों को जोड़ने की जरूरत है. इससे लोगों को चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध हो पायेगी. इससे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा मोतियाबिंद जैसी अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में तत्परता आयेगी. सीएम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को ज्यादा बेहतर एवं विस्तारित करने के लिए योजनाओं पर तेजी से काम करें.
सभी क्षेत्रों का आकलन करवा लें कि कोई क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा से वंचित नहीं रह जाये. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता से प्रतिदिन इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. लोगों को मुफ्त में दवाई दी जा रही है. गांव-गांव तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर जरूरी काम किये जा रहे हैं.
स्वास्थ्य उपकेंद्रों का नियमित करें संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेन्द्रों का नियमित एवं बेहतर तरीके से संचालन करें. ताकि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके. एंबुलेंस सेवा का और विस्तार करें, जिससे मरीजों को निर्धारित समय में एंबुलेंस सुविधा का लाभ मिल सके.
इस बैठक के दौरान स्वास्थ्य के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत विभाग से जुड़ी योजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया. इसमें कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं उसके नियंत्रण के लिए किया जा रहे कार्यों. कोविड-19 वैक्सिन की उपलब्धता की स्थिति में सप्लाई चेन सिस्टम की भी विस्तृत जानकारी दी. इसके अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से जानकारी दी.
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष वर्मा, सचिव अनुपम कुमार, गोपाल सिंह, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी प्रदीप कुमार झा, मनोज कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha