बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विशेष अभियान चलाकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लंबित मामलों की जांच 60 दिनों में पूरा कर आरोपपत्र को संबंधित कोर्ट में दाखिल किया जाये. आरोपपत्र दायर करने में देर करने वालों पर कार्रवाई हो. साथ ही असंतोषजनक काम करने वाले पीपी और एपीपी को दायित्वमुक्त किया जाये. एसी-एसटी अत्याचार निवारण नियम के तहत जिला स्तर पर अत्याचार के पीड़ित या उनके आश्रित को राहत अनुदान की स्वीकृति तत्काल दी जाये. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनीटरिंग समिति की बैठक में जल्द-से-जल्द नौ विशेष कोर्ट के गठन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा. बैठक का आयोजन एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में किया गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि डीजीपी द्वारा अधिनियम के तहत एससी-एसटी संरक्षण कक्ष, अपराध अनुसंधान विभाग के कार्यों की मासिक समीक्षा एसपी के साथ की जाये. घटनास्थल का निरीक्षण वरीय पदाधिकारी करें. डीएम व एसपी अधिनियम के कार्यों के लिए समन्वय स्थापित कर सभी मामलों की समीक्षा नियमित रूप से करें. दोषसिद्धि दर (कन्विक्शन दर) बढ़ाने के लिए स्पीडी ट्रायल की व्यवस्था हो. इसके लिए बतौर नोडल पदाधिकारी काम कर रहे अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग द्वारा सभी संबंधित विभागों और जिलों के लिए विशेष प्रयास किया जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पदाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा रोस्टर के अनुसार करें, जिससे कमजोर वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति को समय पर न्याय मिल सके. डॉक्टर की रिपोर्ट उपलब्ध कराने में देरी के लिए उत्तरदायी पदाधिकारी की पहचान कर कार्रवाई की जाये. इस संबंध में मेडिकल रिपोर्ट समय पर प्राप्त करने के लिए संबंधित सिविल सर्जन के साथ प्रतिदिन मॉनीटरिंग की जाये. मेडिकल रिपोर्ट के संबंध में स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए निर्धारित अवधि में रिपोर्ट उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जाये. समय-समय पर अधिनियम और नियम में हुए परिवर्तन को देखते हुए नियमित रूप से प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये. जिला और अनुमंडल स्तर पर नियमित बैठक कर इसकी पूर्व सूचना संबंधित सदस्यों को देते हुए उन्हें रिपोर्ट उपलब्ध कराया जाये.
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एससी और एसटी के सदस्यों के भूमि विवाद से संबंधित मामलों के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने विशेष कोषांग बनाया है. इसमें जिला स्तर पर एससी-एसटी के लोगों के बीच वितरित सरकारी भूमि से बेदखली के मामलों की मॉनीटरिंग लगातार हो. गृह विभाग और विधि विभाग द्वारा कन्विक्श्न दर में सुधार और लंबित मामलों में कमी लाने के लिए नियमित मॉनीटरिंग की जाये. अत्याचार होने पर घटनास्थल का निरीक्षण निश्चित रूप से हो. अगर संबंधित अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं तो वरीय अधिकारी जाकर स्थल निरीक्षण करें. विधि विभाग यह सुनिश्चित करें कि गवाह समय पर कोर्ट पहुंचें और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो.
इन वर्गों के लिए हुए कई काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी व एसटी के लिए काफी काम किये गये हैं. एससी में से महादलित वर्ग के लिए विशेष काम किया गया. बाद में सभी एससी को वह सारी सुविधाएं दी गयीं. सरकार में आने के बाद सर्वे कराने के बाद यह पता चला कि 12.5% बच्चे-बच्चियां जो स्कूल नहीं जा पाते हैं, उनमें ज्यादातर महादलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों से आते हैं. सभी बच्चे-बच्चियों को स्कूल पहुंचाया गया. वर्ष 2008 तक पूरे बिहार में 22,000 स्कूल बनवाये गये. एससी-एसटी के जिन संस्थानों के भवनों की स्थिति ठीक नहीं थी, उन्हें अलग से ठीक कराया गया.
समाज सुधार अभियान, आज गोपालगंज में सीएम
गोपालगंज. समाज सुधार अभियान के तहत शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार गोपालगंज पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री पूर्वाह्न 11:30 बजे हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे और मिंज स्टेडियम में 11:40 बजे से सभा शुरू होगी. मुख्यमंत्री शराबमुक्त बिहार बनाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील करेंगे. जीविका दीदियों से शराबबंदी के साथ ही दहेज व बाल विवाह जैसे कुरीतियों को मिटाने पर चर्चा करेंगे. शराब से होने वाले नुकसान पर लोगों का ध्यान दिलायेंगे. सभा के बाद सीएम सारण, सीवान व गोपालगंज जिलों की समीक्षा करेंगे.
Posted by: Radheshyam Kushwaha