पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षात्मक बैठक की. मुख्यमंत्री के साथ खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव व अन्य मौजूद रहे. इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार किसानों की हरसंभव सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है. इस बार अल्प वर्षा पात के कारण 11 जिलों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई.
मौके पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एवं धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस बार धान का एमएसपी 2040 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है. चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है. उन्होंने धान का अनुमानित उत्पादन के आधार पर धान अधिप्राप्ति हेतु जिलावार निर्धारित लक्ष्य समितियों के चयन एवं उसकी क्रियाशीलता, सहकारी समितियों की भंडारण क्षमता, इच्छुक किसानों की अद्यतन आवेदनों की संख्या एवं धान अधिप्राप्ति से संबंधित अन्य जानकारी दी.
बैठक में कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने अनुमानित धान उत्पादन के संबंध में जानकारी दी. सहकारिता विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी ने धान अधिप्राप्ति कार्यों की अद्यतन जानकारी दी.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिये पूरी तरह तत्पर है. इस बार अल्प वर्षापात के कारण 11 जिलों में सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई. हमने विभिन्न जिलों का एरियल सर्वे भी किया था. सूखाग्रस्त जिलों के प्रभावित किसानों को सभी प्रकार के राहत दिये गये. धान के उत्पादन का ठीक से आकलन करा लें और अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उसना चावल खाने वालों की संख्या अधिक है. इसको लेकर उसना चावल के मिलों की संख्या और बढायें उसना मिल मालिकों के साथ इसको लेकर बैठक करें. उन्हीं मिल मालिकों को धान अधिप्राप्ति से जोड़ें जो उसना चावल को ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध करायें. धान उन्हीं मिलरों को दें जो उसना चावल दे सकें. धान अधिप्राप्ति बेहतर ढंग से करें ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित करें. अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों के बीच प्रचार-प्रसार कराएं. किसानों को पराली जलाने से नुकसान के संबंध में बताएं. पराली जलाने से वातावरण खराब हो रहा है इसको लेकर सभी लोग सतर्क रहें.