बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को बेगूसराय में बरौनी थर्मल पावर स्टेशन स्टेज-2 में निर्मित 250-250 मेगावाट की दो यूनिट और बाढ़ में एनटीपीसी सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट स्टेज वन में निर्मित 660 मेगावाट की पहली इकाई का लोकार्पण किया. बाढ़ में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की मौजूदगी में फिर एक देश, एक बिजली दर की मांग दोहरायी. उन्होंने कहा कि इससे बिजली के दाम में कमी आयेगी.
उन्होंने कहा कि एनटीपीसी बिहार में अब इतनी बिजली का उत्पादन कर रहा है कि बिहार सरकार को निजी क्षेत्र से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस मौके पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उम्मीद जतायी कि बाकी बची दो यूनिटों को भी समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि यह सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसके चालू होने से सबसे अधिक फायदा बिहार को ही होगा.
बाढ़ एनटीपीसी की क्षमता हुई 1960 मेगावाट
बाढ़ एनटीपीसी थर्मल पावर स्टेशन के 660 मेगावाट की तीसरी इकाई से कॉमर्शियल बिजली का उत्पादन 12 नवंबर की देर रात से ही शुरू हो गया है. इसके साथ ही एनटीपीसी बाढ़ की कुल उत्पादन क्षमता 1320 मेगावाट से बढ़कर 1980 मेगावाट हो गयी है. स्टेज टू की कार्यरत 660 मोगावाट की दोनों इकाइयों से फिलहाल बिहार को तय आवंटन के हिसाब से 1198 मेगावाट से भी अधिक बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
इस यूनिट से अतिरिक्त 401 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होने से एनटीपीसी बाढ़ से बिहार का कोटा बढ़कर करीब 1600 मेगावाट हो गया है. दोनों कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा सिचव आलोक कुमार और एनटीपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह भी मौजूद रहे.
अब बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर जोर
बाढ़ एनटीपीसी में आयोजित लोकार्पण समारोह में केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊजा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि बिजली व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के बाद अब इसके आधुनिकीकरण पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए तीन लाख करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है, जिसमें से बिहार को भरपूर राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बिजली व्यवस्था को इतना आधुनिक बनाया जायेगा कि अधिक से अधिक लोग निवेश के लिए आकर्षित हो सकें.
Posted by: Radheshyam Kushwaha