पटना. राज्य के सभी पंचायतों में अगले साल पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की मंजूरी मिल जायेगी. राज्य सरकार ने 5200 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माण की स्वीकृति दी है. राज्य के जिन पंचायतों में पंचायत सरकार भवन नहीं हैं, उनमें अगले वित्तीय वर्ष में भवन निर्माण की स्वीकृति दे दी जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पंचायती राज संस्थाओं के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने वर्चुअल तरीके से ढाई लाख पंचायत प्रतिनिधियों के ट्रेनिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क, पुल, पुलिया समेत सरकारी भवनों को मेंटेन रखना है.
उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि सभी चीजों का ध्यान रखें. उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि प्रशिक्षण के दौरान अपने दायित्वों की पूरी जानकारी लें. सीएम ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अपने दायित्वों को समझकर उसका ठीक ढंग से निर्वहन करेंगे, तो समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोकप्रियता भी रहेगी. उन्होंने कहा कि आपके द्वारा दिये गये सुझावों पर गौर किया जायेगा. सरकार पूरे तौर पर आपको सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में काम बेहतर तरीके से हो तो पंचायत के प्रतिनिधियों की लोकप्रियता बढ़ेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पुराना सचिवालय के सभागार से राज्य के सभी त्रिस्तरीय प्रतिनिधियों और ग्राम कचहरी के सरपंच और पंचों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि जब उनको राज्य में सेवा करने का मौका मिला, तो देश में सबसे पहले स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया. उद्देश्य था कि हर जगह महिलाएं सक्रिय होंगी, तो समाज में गतिशीलता आयेगी. वर्ष 2001 के पंचायत चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था नहीं थी. पंचायत चुनाव 2006 में पहली बार महिलाओं, ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया. सरकार ने यह भी विचार किया कि 10 वर्षों बाद यानी हर दो चुनाव के बाद आरक्षण का प्रावधान बदल दिया जायेगा. इससे हर इलाके में हर वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह के साथ सभी विभागों के प्रधान सचिव, जिलों के जिलाधिकारी, निर्वाचन पंचायत प्रतिनिधि कार्यक्रम से जुड़े थे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 14वें वित्त आयोग की राशि सिर्फ पंचायतों को मिली थी. इसको लेकर उन्होंने प्रयास किया, जिससे अब तीन स्तरों पर केंद्रीय वित्त आयोग की राशि का प्रावधान किया गया. सरकार ने निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल के दौरान मौत होने पर पांच लाख अनुदान का प्रावधान किया है. सरकार ने हर घर शौचालय, हर घर नल का जल और पक्की गली-नाली की व्यवस्था कर दी है. इसके मेंटनेंस के लिए दो हजार मासिक व वसूली गयी राशि के 50 प्रतिशत देने की व्यवस्था की गयी है. नव निर्वाचित प्रतिनिधियों को आगाह कराते हुए उन्होंने कहा नल जल योजना में गलतफहमी के शिकार न हों.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं के कारण राज्य में शराबबंदी कानून लागू किया गया. बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसे सामाजिक सुधार अभियान चलाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सर्वे में बात सामने आयी है कि राज्य में एक करोड़ 68 लाख लोगों शराब छोड़ दिया है. डब्ल्यूएचओ ने सर्वे किया है, जिसमें बताया गया है कि 13% युवाओं की मौत शराब के सेवन के कारण होती है. शराबबंदी के बाद सरकार ने सतत जीविकोपार्जन योजना आरंभ की. इसमें ताड़ी उत्पादन करने वालों व शराब बनाने वाले परिवारों को एक लाख तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है. पंचायत प्रतिनिधियों को उनके दायित्वों के निर्वहन का सुझाव दिया और कहा कि इससे लोकप्रियता बढ़ेगी.
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