पटना. बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद आज पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम पिछले कुछ अरसे से स्थगित रहा है. पहले भाजपा के साथ चल रहे सियासी टकराव और फिर बाद में नयी सरकार के गठन की वजह से मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाया.
आज सितंबर महीने का पहला सोमवार है. हर महीने के पहले सोमवार को सीएम नीतीश कुमार गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, कारा विभाग, मद्य निषेध विभाग, निगरानी विभाग खान एवं भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करते हैं.
आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब जनता दरबार कार्यक्रम में पहुंचेंगे, तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जी उनके साथ होंगे. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के लिए नीतीश कुमार के साथ यह पहला जनता दरबार होगा. इसके पहले साल 2015 में जब नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम बने थे, तब मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था.
उस वक्त नीतीश कुमार ने बिहार में लोक शिकायत निवारण कानून लागू किए जाने के कारण जनता दरबार कार्यक्रम का सिलसिला रोक दिया था, लेकिन अब जबकि नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम का फेज टू शुरू किया है, वह एनडीए के साथ थे और पहली दफे महागठबंधन के साथ उनका दरबार आयोजित होगा.
कोरोना के समय मुख्यमंत्री सीमित संख्या में ही लोगों को जनता दरबार में बुला रहे हैं, आज भी जनता दरबार में सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया गया है. जनता के दरबार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और संबंधित विभाग के मंत्री के साथ सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री लोगों की शिकायत सुनने के बाद ऑन स्पॉट उनकी समस्याओं का निदान करने की कोशिश भी करेंगे. इस बार जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाये गये हॉल में हो रहा है. जिसमें सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं.