बिहार के गया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे हुए हैं. उन्होंने बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की. इसके बाद महाबोधि मंदिर में पहुंचकर भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की. बोधगया में सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस समय बोधगया की धरती पर भूटान, नेपाल, तिब्बत, अमेरिका, जापान, रूस, इंडोनेशिया, जर्मनी और थाईलैंड सहित 47 देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुए. बता दें कि आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का प्रवचन सुनने के लिए करीब 35 हजार बौद्ध श्रद्धालु कालचक्र मैदान में पहुंचे हुए हैं.
कालचक्र मैदान में हजारों श्रद्धालुओं को प्रवचन करते हुए बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि वह जब 27 दिसंबर को महाबोधि मंदिर पूजा-अर्चना करने गये थे. तब उन्हें भगवान बुद्ध को साक्षात देखा था. उन्हें बुद्ध चॉकलेट खाने को दे रहे थे. भगवान बुद्ध साक्षात उत्पन्न हो गये. दरअसल, दलाई लामा ने बोधिचित्त का लगातार अभ्यास करने की नसीहत देते हुए श्रद्धालुओं को उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि जब आप किसी का लगातार ध्यान करते हो तब वह आपके सामने साक्षात उत्पन्न होने लगता है. उन्होंने कहा कि अभ्यास करने से बुद्ध के साक्षात दर्शन होने लगेंगे. इस दौरान दलाई लामा ने कहा कि बुद्ध ने चार आर्यसत्य की व्यवस्था की है.
बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कालचक्र मैदान में टीचिंग के दौरान कहा कि स्वयं के हित से पहले दूसरों के हित के बारे में सोंचे और उसका पालन करें. बोधिचित्त यही है कि दूसरों का नुकसान करने से परहेज करें. बौद्ध धर्मगुरु ने कहा कि धरती पर करीब आठ अरब लोग रहते हैं और सभी सुख चाहते हैं. इसके लिए खाना-पानी आदि का ग्रहण करते हैं. लेकिन, सुख व खुशी के लिए सभी जीवों के बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के प्रति ध्यान देना चाहिए. बता दें कि कालचक्र मैदान में दलाईलामा का टीचिंग सुनने के लिए लगभग 40 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हुए है.