Bihar Politics: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने तीन दिवसीय दौरे पर जब बिहार पहुंचीं. मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सीएम नीतीश कुमार भी शामिल रहे. अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामने बैठे भाजपा नेताओं की ओर इशारा करते हुए दोस्ती और रिश्ते निभाने की बात कही.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ दोस्ती वाले बयान पर राज्य में सियासत गर्म हो गई है. सियासी दुनिया से अलग मुख्यमंत्री के दिए इस बयान के तरह-तरह के मायने निकाले जाने लगे. जिसके बाद अब खुद सीएम नीतीश कुमार ने ही अपने बयान को लेकर स्थिति साफ कर दी है और बताया कि किस तरह उनके दिए बयान के गलत मायने निकाले गए हैं. सीएम ने बताया कि उन्होंने क्या कहा और किस संदर्भ में ये बातें कही गयीं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मोतिहारी के एक कार्यक्रम में भाजपा नेताओं से दोस्तीवाले बयान के बारे में पटना एम्स के कार्यक्रम के दौरान कहा कि मीडिया में उनके मोतिहारी के बयान को तोड़- मरोड़कर और गलत रूप से पेश किया गया है. कार्यक्रम में पुराने साथी नेता बैठे थे. उन्हीं को इशारा कर उन्हें याद दिलाते हुये कहा था कि मोतिहारी में विकास का कितना काम किया. उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा कि यहां भी कार्यक्रम में जितना कुछ विकास के बारे में कहा है, उसकी चर्चा नहीं करें, छोड़ दें.
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संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को कहा कि महात्मा गांधी केंद्रीय विवि, मोतिहारी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के वक्तव्य के अकारण राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय विश्विद्यालय की स्थापना का घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इसकी स्वीकृति यूपीए शासनकाल में हुई, परंतु मामला आगे नहीं बढ़ा. फिर एनडीए के शासनकाल में इसकी स्थापना का कार्य पूरा हुआ. यह तो एक तथ्यात्मक वर्णन था. साथ ही, उन्होंने जब भाजपा नेताओं को इंगित करते हुए कहा कि वे सब लोग साथ ही थे. इनसे दोस्ती रही थी, आज भी है और आगे भी रहेगी. इसी से स्पष्ट है कि यह व्यक्तिगत रिश्ते से जुड़ा बयान है, क्योंकि आज तो जदयू राजनीतिक रूप से भाजपा से अलग है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रिश्ते की बात को राजनीतिक समर्थन या विरोध से जोड़कर देखना उचित नहीं है.
इस बीच गुरुवार को एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुये जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि इस बयान का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिये. इस बयान के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पुराने दिनों का स्मरण किया है. इससे सभी राजनीतिक दलों खासकर भाजपा के हमारे पुराने मित्र नेताओं को भी सबक लेना चाहिये. केसी त्यागी ने इस बयान का अर्थसमझाते हुए कहा कि आपसे असहमति और भिन्न विचार रखते हुये भी हमलोग साथ रह सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय , मोतिहारी के दीक्षांत समारोह में उपस्थित लोगों से कहा कि आप को वोट जिसको देना है, दीजिए. हम जिनसे संबंध जोड़ते हैं, उसे आजीवन निभाते हैं और उनके प्रति हमेशा मन में सम्मान का भाव भी रखते हैं. सामने बैठे भाजपा नेताओं की ओर इंगित करते हुए कहा कि यहां सामने जो लोग बैठे हुए हैं, ये 2005 से हमारे साथ रहे हैं. हम सबकी इज्जत करते हैं और हम जब तक जीवित रहेंगे, हमारे मन में आप सब के प्रति आदर का भाव रहेगा. हम आगे भी आप सबकी सेवा और सम्मान करते रहेंगे.