गोपालगंज में बोले सीएम नीतीश कुमार- नौकरी से निकाले जायेंगे शराबबंदी में गड़बड़ी करने वाले अफसर
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि गड़बड़ करने वालों को छोड़ने वाले नहीं है. जिन लोगों ने शराब बेची, उनमें नौ को फांसी की सजा कोर्ट ने सुना दी. इनमें शामिल महिलाओं को उम्रकैद की सजा हुई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार अभियान के दौरान शुक्रवार को गोपालगंज के मिंज स्टेडियम से शराबबंदी कानून पर समाज को बड़ा संदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब का सेवन करना और उसका धंधा करना दोनों अपराध है. शराब का सेवन शरीर के लिए भी नुकसानदायक है. पीने व पिलानेवालों से सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, शराब पीओगे तो मरोगे, बेचोगे तो सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वाले पुलिस और अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया जायेगा. वे जेल जायेंगे और उन पर कार्रवाई होगी.
सारण, सीवान और गोपालगंज जिलों के जीविका समूहों की महिलाओं को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि जब हमलोगों ने शराबबंदी लागू की, तो इसी गोपालगंज में पहली बार जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो गयी थी. गड़बड़ करने वालों को छोड़ने वाले नहीं है. जिन लोगों ने शराब बेची, उनमें नौ को फांसी की सजा कोर्ट ने सुना दी. इनमें शामिल महिलाओं को उम्रकैद की सजा हुई. सीएम ने मंच से तीनों जिलों के 10878 स्वयं सहायता समूहों के कैश क्रेडिट लिमिट के रूप में 173 करोड़ रुपये का चेक और तीनों जिलों के 3745 लोगों को सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 5.35 करोड़ रुपये का चेक सौंपा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के पक्षधर हम छात्र जीवन से हैं. मेरे मन में था कि शराबबंदी होनी चाहिए, इसलिए लोगों को जागरूक किया. समाज सुधार अभियान में सहयोग के लिए उन्होंने हाथ उठवाकर लोगों से संकल्प दिलवाया. साथ ही कहा कि कोरोना से सतर्क रहने की जरूरत है. दुनिया के विकसित देशों में यह एक बार फिर फैलने लगा है.
प्रेम-सौहार्द्र का भाव रखें
सीएम ने कहा, बाल विवाह करने से तरह-तरह की परेशानी होती है, बेटियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है. जो बच्चे पैदा होते हैं, वे कुपोषण के शिकार होते हैं. दहेज प्रथा और भी खराब है. समाज में एक-दूसरे की इज्जत का भाव रखना चाहिए. प्रेम-सौहार्द्र का भाव रखें. इससे ही समाज का विकास होगा.
हमने जीविका समूह बनाया केंद्र ने अपनाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वयं सहायता समूह का बहुत कम काम था. हमलोगों ने जीविका समूह को बनाया. बिहार में ही जीविका का नामकरण किया गया. इससे प्रभावित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने पूरे देश में आजीविका समूह के नाम से इसको शुरू किया, यह कितनी बड़ी बात है. हम कह रहे हैं जीविका और वो कह रहे आ-जीविका. यह बड़ी बात है.
यह रहे मौजूद
कार्यक्रम को मुख्य रूप से मद्य निषेध, उत्पाद व निबंधन मंत्री सुनील कुमार, प्रभारी मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान व भूतत्व मंत्री जनक राम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री सुमित कुमार सिंह, डीजीपी एसके सिंघल, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, केके पाठक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार एवं जीविका के प्रबंध निदेशक बाला मुरुगन डी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.