CM नीतीश कुमार बोले- बच्चों को ठीक से पढ़ाइये, बढ़ाएंगे वेतन, गड़बड़ी करने वालों को नौकरी से निकाला जाएगा

Bihar news cm nitish kumar: नीतीश कुमार ने शिक्षकों को साफ तौर पर खुले मंच से संदेश दिया कि बच्चों को मन लगाकर पढ़ाइये, सभी लोगों पर शिक्षा विभाग की नजर बनी हुयी है. मन लगाकर काम करने वाले शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाएगा. जबकि जो शिक्षक बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाएंगे उनको नौकरी से निकाला जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2022 9:11 PM

Nitish kumar: शिक्षा दिवस के मौके पर राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने भाग लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने शिक्षकों को साफ तौर पर खुले मंच से संदेश दिया कि बच्चों को मन लगाकर पढ़ाइये, सभी लोगों पर शिक्षा विभाग की नजर बनी हुयी है. मन लगाकर काम करने वाले शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाएगा. जबकि जो शिक्षक बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाएंगे उनको नौकरी से निकाला जाएगा.

शिक्षक की बहाली थोक में हुई है…आगे और बहाली होगी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि उनके कार्यकाल में थोक में शिक्षकों की भर्ती हुई है और आगे भी बहाली होगी. युवा थोड़ा धैर्य रखें. काम जारी है. सभी वादों को पूरा करेंगे. सीएम ने आगे कहा कि जहां भी जाता हूं लोग नौकरी की मांग करते हैं. मैंने अधिकारियों से बहाली के काम में तेजी लाने कहा है. 2005 से पहले कितने शिक्षक थे.हमने थोक में बहाली की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अभिभावकों से कहा कि आप लोग अपने बच्चों को चाहे वो लड़का हो या लड़की खूब अच्छे से पढ़ाइये, चिंता मत कीजिए.

हर शनिवार रहेगा नो बैग डे

इस मौके पर नीतीश कुमार ने शिक्षक दिवस के मौके पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना की शुरुआत और ‘बिहार इजी स्कूल ट्रैकिंग सिस्टम प्लस एप’ को रिलांच भी किया. मौके पर सीएम ने बिहार के सभी स्कूलों में हर शनिवार ‘नो बैग डे’ मनाये जाने का ऐलान भी किया.

शिक्षा समाज की गड़बड़ी ठीक करने का प्रमुख जरिया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में वो मुख्यमंत्री बने तब बिहार में जन्म दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 हो गया है.उन्होंने बताया कि बिहार में लड़कियों को बच्चा क्लास से स्नातक की पढ़ाई तक 94100 रुपये की सहायता राशि मिलती है. बिहार जैसा गरीब राज्य अपने बजट का 21 परसेंट शिक्षा पर खर्च कर रहा है. जिसे हम 25 परसेंट तक ले जाने की सोच रखते हैं. क्योंकि शिक्षा समाज की गड़बड़ी ठीक करने का प्रमुख जरिया है.

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