पटना. वायु प्रदूषण पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर मीडिया ने मुख्यमंत्री से सवाल किया. इस सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2018 से ही हम लोगों को वायु प्रदूषण को लेकर जागरूक कर रहे हैं. इस बार भी पराली जलाने को लेकर मना किया गया था. इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिया गया था.
नीतीश कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण को लेकर हम बहुत पहले से लोगों को जागरूक कर रहे हैं. 2018 से ही पराली जलाने को मना किया जा रहा है. इस बारे में आप भी पूरी जानकारी ले लीजिए. वहीं, दिल्ली में वायु प्रदूषण उसके बगल के राज्य में पराली जलाने से भी बढ़ता है. ये बात बिल्कुल सच है. इसमें कोई शक नहीं है.
वायु प्रदूषण को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत ने एक साझा प्रेस वार्त्ता की. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण केवल दिल्ली और पंजाब की समस्या नहीं है. यह पूरे भारत की समस्या है. केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिहार के पं. चंपारण, बेतिया, मोतिहारी और अन्य जिले का नाम लिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार के इन जिलों में तो दिल्ली या फिर पंजाब में पराली जलाने से धुंआ नहीं जाता है. यह समस्या विकट है. पूरे उत्तर भारत में हवा की स्थिति खराब है. ऐसे में ये वक्त एक दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है. केंद्र को आगे आकर कदम उठाने होंगे जिससे उत्तर भारत को इससे बचाया जाए.
अरविंद केजरीवाल के द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में बिहार का नाम लेने के बाद बिहार में प्रदूषण और वायु की गुणवत्ता को लेकर नयी बहस छिड़ गयी है. बता दें कि नवंबर की शुरुआत होते ही बिहार में ठंड यानी मौसम अब तेजी से बदल रहा है. मौसम में बदलाल के चलते वायु प्रदुषण का स्तर भी बढ़ रहा है. शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया. शुक्रवार को कटिहार जिले में वायु प्रदुषण का स्तर सबसे अधिक रहा. यहां AQI Level 400 के पार चला गया. दूसरे नंबर पर दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जबकि पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स 240 रहा.