पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि केंद्र में भाजपा शासन आने के बाद पूरा देश महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक उन्माद का सामना कर रहा है. उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट होकर केंद्र की जनविरोधी और फासीवादी सरकार का मुकाबला करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जो शुरुआत हुई है, उसका संदेश पूरे देश में गया है.
बुधवार की देर शाम पहले जदयू विधानमंडल दल और बाद में महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित किया है. हम पहले से अधिक मजबूती के साथ बिहार के विकास का काम करेंगे.
आठ पार्टियों के महागठबंधन की प्राथमिकता बिहार का चौतरफा विकास है. मुख्यमंत्री ने कहा कि महागठबंधन के सभी आठ दलों ( जदयू, राजद, कांग्रेस, हम, भाकपा, माकपा, माले, एआइएमआइएम) के नेताओं की एक समिति बनेगी. माना जा रहा कि इस समिति की महीने में एक बार बैठक होगी.
सीएम ने कहा कि पहले हमलोग एनडीए गठबंधन में थे, लेकिन बिहार की मांगों को केंद्र सरकार अनदेखा करती रही. उसने गठबंधन धर्म का भी पालन नहीं किया. पिछले विधानसभा चुनाव में हमारे साथ धोखा हुआ ,जिससे जदयू की सीटें कम हुईं. ऐसी साजिशों की संभावना आगे भी संभव थी. इसका आभास भाजपा की कथनी और करनी से हो रहा था.
ऐसे में बिहार के व्यापक हित में हमने अपने पुराने महागठबंधन के साथ विकास के काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है. वहीं, महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि यह गठबंधन देश को दिशा देगा.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में विजय का शंखनाद बिहार से हो चुका है. संपूर्ण विपक्ष की एकजुटता दिल्ली का नक्शा बदल देगी.
जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसका संदेश पूरे देश में गया है. हमारे नेता नीतीश कुमार की पहल संपूर्ण विपक्ष को एकजुट करने में कारगर होगी. बैठक को संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी संबोधित किया.