CM नीतीश कुमार ने भवन निर्माण मंत्री से बोले, ‘जैसी तस्वीर दिख रही वैसी ही भवन समय पर बना दीजिएगा’
Bihar News: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं. पशुओं की चिकित्सा का भी कार्य किया जा रहा है. हमलोगों ने कृषि के विकास को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों की सलाह से कृषि रोड मैप बनाया.
अनुज शर्मा/ पटना. जीरो बेस्ट- जीरो डिस्चार्ज अवधारणा के साथ बेस आइसोलेशन तकनीक से 224.53 एकड़ में 889.26 करोड़ से एकीकृत रुपये से विकसित होने वाले बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मानक वाली 40 इमारतें बनेंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्य को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराने को संकल्पित हैं. निर्माण कार्य के शिलान्यास के बाद सीएम ने अपने संबोधन के दौरान भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को पांच बार याद दिलाया कि गुणवत्ता-समय से कोई समझौता नहीं होगा.
सीएम ने कृषि सचिव से कहा-चार्ज ले लिया अब खूब काम कीजिये
नीतीश कुमार ने कहा कि मंत्री जी (अशोक चौधरी) आपने जैसा चित्र दिखाया है वैसा ही भवन बना कर दीजियेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं. पशुओं की चिकित्सा का भी कार्य किया जा रहा है. हमलोगों ने कृषि के विकास को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों की सलाह से कृषि रोड मैप बनाया. भवन का निर्माण अच्छे ढंग से जल्द कराएं ताकि पढ़ने वाले और पढ़ाने वालों को सहूलियत हो. भवन बेहतर ढंग से बनेगा, तो जो भी बाहर से आकर देखेंगे, वो इससे प्रभावित होंगे.
यहां पढ़ने वाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे
यहां पढ़ने वाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे. परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग पर ही है. पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के कार्यकाल में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का प्रभार छोड़ने वाले कृषि सचिव डॉ एन सरवन कुमार से कहा कि सचिव का चार्ज छोड़ने के लिए आप हमारे पास आये थे. खूब रो रहे थे. हमने आपसे चार्ज ले लिया. सीएम ने उनके दोबारा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का सचिव बनने पर बेहतर परिणाम देने का निर्देश दिया.
छात्रों पर खूब लुटाया प्यार, मांग पूरी की तो हुई जयकार
सीएम ने पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं पर खूब दरियादिली दिखायी. उनकी मांगों को मौके पर ही स्वीकार कर समस्याओं का समाधान कर दिया. संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों पढ़ाई के लिए हर महीने दो हजार तथा किताबों के लिए सालाना छह हजार रुपये दिये जा रहे है. इस पर कार्यक्रम में मौजूद छात्रों ने कहा कि सर, छह हजार रुपये नहीं मिले हैं. इस पर सीएम ने सचिव और कुलपति की तरफ देखा. कुलपति ने कहा कि कोरोना के कारण ऐसा हुआ है.
नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना में हमने दुनियाभर के लोगों की मदद की है फिर ये बच्चे कैसे वंचित रह सकते है और भुगतान के आदेश दिये. प्रैक्टिस भत्ता आदि मांगों को लेकर कहा कि छात्र प्रस्ताव दें मांग पूरी करने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही सभागार सीएम के जयकारे से गूंज गया. कार्यक्रम के समापन पर आशीष रंजन नाम का छात्र धन्यवाद देने के लिए आगे आया, तो भवन निर्माण विभाग के सचिव आदि ने उसे रोक दिया. सीएम ने देखा, तो उसे अपने पास मंच पर बुलाया और उसकी बात सुनी.