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जनता दरबार: पहले 156 रुपये आता था बिजली बिल, अचानक आया एक लाख, शिकायत सुन चौंक गये सीएम नीतीश कुमार

सीएम नीतीश कुमार ने आज जनता दरबार में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए फरियादी की शिकायतें सुनी. जनता दरबार में विभिन्न विभागों से जुड़ी 44 लोगों की समस्याओं को सूना गया.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार 14 अगस्त को सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 44 लोगों की समस्याओं को सुना. इसके साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग समेत कई अन्य विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी.

जनता दरबार में आई शिकायतें 

  • जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में वैशाली जिले से आए एक फरियादी ने कहा कि उसका बिजली बिल 156 रुपये आता था. लेकिन अब अचानक एक लाख रुपये का बिल आ गया है. यह बात सुनकर नीतीश कुमार चौंक गए और वहां मौजूद अधिकारी को बिजली विभाग में फोन लगाने को बोला. उन्होंने कहा कि वैशाली से एक शख्स आए हैं. जरा देख लीजिए. कह रहे हैं कि बिजली बिल में बहुत ज्यादा पैसा आ रहा है.

  • जनता दरबार में कटिहार जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी थे उनका वर्ष 2017 में निधन हो गया था लेकिन अब तक अनुकंपा पर न नौकरी मिली और नहीं कोई सुविधा मिली. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • सहरसा जिले से आये एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि हमारे यहां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनना था मगर अब तक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना नहीं हो सकी है. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • शेखपुरा जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से पिताजी के सेवानिवृत होने के बाद अब तक किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिला है, जिससे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • मुंगेर जिले से आयी एक युवती ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पिताजी जो सरकारी कर्मचारी थे उनकी कोरोना से मृत्यु हो गई थी. निधन के उपरांत न तो सेवांत लाभ दिया गया और ना ही अनुकंपा पर नौकरी दी गयी. कोरोना से मृत्यु होने पर मिलनेवाली अनुदान राशि भी नहीं प्राप्त हुयी है.

  • मुंगेर जिले से ही आए एक अन्य युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मैं दिव्यांग हूं चलने फिरने में दिक्कत होती है . मुझे ट्राइसाइकिल उपलब्ध करायी जाए ताकि मुझे अपने कार्य करने में सुविधा हो सके. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • भागलपुर जिले से आये एक वृद्ध ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि कोसी नदी से होने वाले कटाव को रोकने के लिए जरूरी उपाय किये जाएं ताकि गांव के लोग सुरक्षित रह सकें.

  • भागलपुर जिले से ही आए एक अन्य युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि हमारे गांव में ग्रामीण महादलित टोले में सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा है जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • बक्सर जिले से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि वर्ष 2016 से लगातार नाले के पानी से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हर स्तर पर गुहार लगायी गई लेकिन अब तक उसके बहाव को ठीक नहीं किया जा सका है.

  • बक्सर जिले से ही आयी एक युवती ने गुहार लगाते हुए कहा कि कन्या उत्थान योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया .

  • पूर्वी चंपारण जिले से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी माताजी का वर्ष 2021 में ही कोरोना से निधन हो गया लेकिन अब तक अनुदान राशि प्राप्त नहीं हुई.

  • पूर्वी चंपारण जिले से ही आए एक दिव्यांग ने आग्रह करते हुए कहा दिव्यांगजन को निर्गत किए गए राशन कार्ड में अनियमितता बरती गई है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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  • सीतामढ़ी जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि रीगा चीनी मिल को गन्ना उपलब्ध कराए जाने का भुगतान अब तक लंबित है. मुख्यमंत्री ने गन्ना उद्योग विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

  • औरंगाबाद जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के तहत वर्ष 2019 में पहली किश्त मिली और दूसरी किश्त की राशि अबतक नहीं मिल पायी है. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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