बिहार: तुरंत लागू किया जा सकता था… 2024 तक इंतजार क्यों? महिला आरक्षण पर बोले सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण पर कहा कि हम तो शुरू से ही महिला आरक्षण चाहते थे. यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 10 साल पर जनगणना होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल पर गुरुवार को कहा कि वे (केंद्र सरकार) इसमें इतनी देरी क्यों कर रहे हैं? इसे तुरंत लागू किया जा सकता था. हमें 2024 तक इंतजार करने की क्या जरूरत है?… समस्या क्या है, इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए. वहीं जनगणना को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि हर दस साल में इसे किया जाता था. यह 1931 में शुरू हुआ था और यह पहली बार है कि इसमें देरी हुई है. यह अच्छा नहीं है…लेकिन यह (महिला आरक्षण) अच्छी बात है, कार्यान्वयन में कुछ देरी होगी लेकिन जब भी इसे लागू किया जाएगा तो यह महिलाओं के लिए अच्छा होगा.
तेजी से होनी चाहिए जनगणना
इसके साथ ही सीएम ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण देने की मांग की है. उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन दिक्कत है कि ये लोग (केंद्र सरकार) लागू नहीं करेंगे. यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरू से ही महिला आरक्षण चाहते थे. संसद में मेरा दिया गया भाषण देख लीजिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 10 साल पर जनगणना होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. यह हमेशा समय पर होना चाहिए. इसमें जाति आधारित गणना भी होनी चाहिए. महिलाओं को 50% का आरक्षण सबसे पहले हमने ही दिया. वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 में नगर निकायों में हमने महिलाओं को 50% आरक्षण दिया. उन्होंने कहा हम तो चाहते हैं कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए.
महिलाओं को नौकरियों में मिला आरक्षण
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बड़ी संख्या में बहाली भी शुरू की. हमने प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50% का आरक्षण दिया. बाद में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% सीट आरक्षित कर दी गयी. पुलिस में भी महिलाओं को 35% का आरक्षण दिया गया. आज बिहार में पुलिस में जितनी भागीदारी महिलाओं की है, उतनी देश में कहीं नहीं है. स्वयं सहायता समूह में बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका दीदियों के माध्यम से शामिल हुईं. महिलाओं के लिए बिहार में काफी काम किये गये हैं.
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पिछड़ा और अतिपिछड़ाें को आरक्षण दिये बिना महिला सशक्तीकरण अधूरा: राजीव रंजन
इधर, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी बुधवार को केंद्र सरकार से कहा है कि पिछड़ा और अतिपिछड़ा महिलाओं को आरक्षण दिए बिना महिला सशक्तीकरण अधूरा है. इस पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिये. बिहार के तर्ज पर महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाया गया बिल देर से उठाया गया सही कदम है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार शुरुआत से ही आधी आबादी को उनका हक दिलाने के लिए कृतसंकल्पित रही है.
राजीव रंजन ने कहा कि 2006 से ही पंचायत व नगर निकाय के चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है. केंद्र को स्वयं सोचना चाहिए कि पिछड़े-अतिपिछड़े समाज की संख्या देश में सबसे ज्यादा है, इसके बावजूद अभी तक इस समाज को वह न्याय नहीं मिल सका है जिसका वह हकदार है. उन्हें सोचना चाहिए कि जिस समाज को खुद संविधान ने सभी मानकों पर पिछड़ा-अतिपिछड़ा करार दिया हुआ उन्हें विशेष तवज्जो क्यों नहीं मिलनी चाहिए.
महिला आरक्षण बिल एक और जुमला : आनंद माधव
वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एवं रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने कहा है कि महिला आरक्षण बिल- एक और जुमला है. महिला आरक्षण बिल जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम कहा गया है वह महिलाओं के साथ किया गया एक मजाक है. बिल के मसौदे के अनुसार इसे पारित होने के बाद जनगणना होगी फिर संसदीय चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन होगा उसके बाद ही इसे लागू किया जायेगा. यह तो स्पष्ट है कि 2024 आम चुनाव के पहले तो इसका लागू होना असंभव है. शायद भाजपा को लगा होगा कि इस बिल के भरोसे 2024 एवं 2029 दोनों चुनावों में उनकी नैया पार लग जायेगी. आखिर नौ वर्षों तक इन्हें महिला बिल की याद क्यों नहीं आयी.
महिलाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होगा: धर्मशीला गुप्ता
बिहार भाजपा महिला मोर्चा ने लोकसभा में पेश नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष धर्मशीला गुप्ता ने कहा कि इस बिल से उन वंचित महिलाओं के नेतृत्व करने की क्षमता विकसित होगा.उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने को लेकर प्रधानमंत्री कटिबद्ध हैं जो विरोधियों को पच नहीं रहा है.प्रधानमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर, सबल बनाने के लिए, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, जिन्हें भारतीय नारियां नहीं भूल सकती. मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष शीला प्रजापति,प्रवक्ता सुहेली मेहता और सुषमा साहू आदि ने भी अपनी बातें रखीं.
लोस-विस में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण से बदलेगा माहौल
लोजपा (रा) ने भी लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम को महिलाओं के हित में ऐतिहासिक और बड़ा कदम बताया है.पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश सिंह कहा कि लोकसभा के नए भवन के श्रीगणेश के साथ इस अधिनियम को पेश कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी इबारत लिख दी है.उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी प्रधानमंत्री को बधाई दी और कहा कि वे शुरू से ही महिला हितों के हिमायती रहे हैं.इस विधेयक के पारित होने के बाद सिर्फ संसद या विधानसभा ही नहीं, कई क्षेत्र में महिलाओं के लिए तरक्की के नए दरवाजे खुलेंगे.