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पितृपक्ष मेले से पहले घाटों से लेकर वेदियों तक सभी को दुरुस्त करें, पढ़िए मुख्यमंत्री ने ऐसा क्यों कहा? 

इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 28 सितंबर से 14 अक्तूबर तक निर्धारित है. इस दौरान देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गयी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बोधगया स्थित महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में पितृपक्ष मेले की तैयारियों की समीक्षा की व अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. समीक्षा के दौरान डीएम डॉ त्यागराजन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेले की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 28 सितंबर से 14 अक्तूबर तक निर्धारित है. इस दौरान देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गयी है. सभी महत्वपूर्ण घाटों पर सभी प्रकार की तैयारियां की गयी हैं. बेहतर व्यवस्था के संचालन के लिए कार्य समितियों का गठन कर उन्हें जिम्मेदारी दी जा रही है. डीएम ने पितृपक्ष मेले के दौरान आवासन, साफ-सफाई, जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य, विद्युत व्यवस्था, यातायात सुविधा व विधि-व्यवस्था आदि की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी.

पितृपक्ष मेला को लेकर देवघाट पर प्रशासनिक स्तर पर की गयी तैयारी का शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जायजा लिया. इस दौरान व्यवस्था में और सुधार को लेकर मुख्यमंत्री ने नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा को निर्देशित भी किया. उन्होंने पितृपक्ष मेले के दौरान गयाजी डैम की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के लिए नगर आयुक्त श्रीमती शर्मा को जरूरी कदम उठाने के लिए भी कहा. साथ ही देवघाट, गदाधर घाट, संगत घाट, गायत्री घाट पर पेयजल के साथ-साथ समुचित सफाई व्यवस्था बहाल रखने के लिए भी निर्देशित किया. इस दौरान बिहार सरकार के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद व कई अन्य राज्यस्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे.

120 करोड़ की लागत से चांदचौरा स्थित आइडीएच परिसर बनने वाले धर्मशाला का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को किया. मुख्यमंत्री दोपहर एक 1:18 में आइडीएच परिसर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव व डीजीपी के साथ पहुंचे. पहले से यहां कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, गुरुआ विधायक विनय कुमार यादव, पूर्व विधान पार्षद अनुज सिंह, जदयू नेता राजू वर्णवाल आदि मौजूद थे. मुख्यमंत्री शिलान्यास करके तुरंत ही बोधगया के लिए रवाना हो गये. मिली जानकारी के अनुसार, पांच मंजिला धर्मशाला 4.38 एकड़ में बनाया जाना है. यहां 1080 लोगों के ठहरने के साथ 300 कार व 50 बसों की पार्किंग करने की व्यवस्था होगी.

मुख्य तौर पर धर्मशाला पितृपक्ष के मौके पर पहुंचने वाले पिंडदानियों को ठहराने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है. यहां श्रद्धालुओं के लिए हर तल्ले पर भोजन कक्ष, बाथरूम, शौचालय आदि के साथ सीढ़ी व लिफ्ट दोनों की व्यवस्था होगी. वाहनों के कर्मचारियों व ड्राइवरों के ठहरने की अलग व्यवस्था होगी. धर्मशाला में सोलर लाइट की अलग से व्यवस्था की गयी है. परिसर में शौचालय, सुधा पार्लर व चाय की दुकान का भी प्रावधान रखा गया है.

सीएम ने सुनायी एक महिला की सलाह की कहानी

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार दिल्ली जाने के दौरान दूसरे राज्य की एक महिला उनसे मिली और कहा कि आपके द्वारा राज्य में विकास के कई कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन पितृपक्ष मेले को लेकर और बेहतर तैयारी की जरूरत है. हम उसके बाद हर वर्ष पितृपक्ष मेले के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हैं. पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने व विदेशों से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान व तर्पण करने गया की मोक्ष भूमि पर आते हैं. पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर सभी प्रकार की तैयारी रखें. श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए व उनके आवासन की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए. घाट, मंदिर, वेदी, तालाब व पूरे शहर की साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था रखें. सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतें.

इस वर्ष राजगीर में आयोजित मलमास मेले में तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु आये. हमें उम्मीद है कि गया में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आयेंगे. उन्होंने कहा कि महाबोधि मंदिर परिसर के पास स्थित मुचलिंद सरोवर को विकसित और सौंदर्यीकृत करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि गया सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश व दुनिया के लिए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है. गया शहर को सभी लोग गयाजी के नाम से संबोधित करते हैं. गया शहर को विभिन्न शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी दी गयी है ताकि लोगों को यहां आने में सहूलियत हो. पटना जिले के पुनपुन में भी पिंडदानियों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था रखें. समीक्षा बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी पितृपक्ष मेले की तैयारियों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री को डीएम डॉ त्यागराजन ने प्रतीक चिह्न भेंट कर स्वागत किया.

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