पटना. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के जरिये 2018-19 से 2022-23 तक 23367 लोगों को वित्तीय अनुदान व ऋण दिये गये हैं. इनको करीब 1440 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं. जानकारों के मुताबिक इसमें से 15304 चयनित उद्यमियों ने उद्योग लगा लिये हैं. इनमें करीब करीब 50 हजार से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लोगों को रोजगार मिला है.
उद्योग विभाग के मुताबिक इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 9171 चयनित उद्यमियों को 444.30 करोड़, अति पिछड़ा वर्ग के 5952 लाभुकों को 437.31, युवा उद्यमी योजना में 4120 चयनितों को 275.50 और महिला उद्यमी योजना में चयनित 4124 चयनित महिलाओं को 282.14 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके अलावा इसमें चालू वित्तीय वर्ष में दिव्यांगों को भी पात्र मानते हुए 174 को अनुदान मिला है.
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने सीएम उद्यमी योजना से जुड़े सवालों का विधान परिषद में जवाब देते हुए कहा कि राज्य में 15304 नये उद्योग खुले हैं. दूसरे बड़े निवेशों के अतिरिक्त यह निवेश है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत प्रदेश में करीब 23 हजार से अधिक लोगों का चयन कर उन्हें ऋण उपलब्ध कराया गया है. प्रदेश के औद्योगिक माहौल के हिसाब से ये उत्साहजनक स्थिति है.
मंत्री महासेठ ने कहा कि जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों को उद्योग स्थापना में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने का निर्देश दिया गया है. जिन लोगों का सीएम उद्यमी योजना के तहत चयन किया गया है, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जायेगा. विधान परिषद में सर्वेश कुमार के अल्पसूचित सवाल का उत्तर देते हुए उद्योग मंत्री महासेठ ने कहा कि पिछले पांच साल 2018-19 से 2022-23 तक सीएम उद्यमी योजना के तहत कुल 29,928 अभ्यर्थियों को चयन कर उन्हें राज्य सरकार की तरफ से ऋण उपलब्ध करा दी गयी है.
समीर महासेठ ने कहा कि उद्यमी योजना के तहत अगर लगी यूनिट गति पकड़ती है, तो राज्य सरकार उसे बैंकों से हर संभव कर्ज दिलाने के लिए प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि पिछले सात माह में हम लोगों ने रिकार्ड लोगों को विभागीय योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराया है. जदयू के नीरज कुमार के एक सवाल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अभी तक स्टार्टअप मंजूर हुए हैं. इनमें 34 स्टार्ट अप कृषि और पशुपालन से संबंधित हैं. इन्हें समुचित मात्रा में सीड फंड मुहैया करा दिया गया है.
गन्ना उद्योग मंत्री आलोक महता ने कहा कि चीनी मिल हों या गुड़ आधारित उद्योग को बढ़ावा देने राज्य सरकार बड़ी कार्य योजना बना रही है. इसके बाद वह निजी क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए इन्वेस्टर मीट भी आयोजित करेगी. इस बारे में रणनीति बनायी जा रही है. जहां चीनी मिल नहीं हैं, उन क्षेत्रों में गुड़ आधारित उद्योग लगाये जायेंगे.
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71001 – आवेदन आये (वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21)
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7098 – आवेदन चयनित (वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2020-21)
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62364 – आवेदन आये (वित्तीय वर्ष 2021-22)
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15986 – आवेदन स्वीकृत (वित्तीय वर्ष 2021-22)
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2,23,000 – आवेदन मिले (वित्तीय वर्ष 2022-23)
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8111 – आवेदन स्वीकृत (वित्तीय वर्ष 2022-23)